Kisan Andolan : AAP ने किसानों के लिए मांगी पंजाब पुलिस की सुरक्षा, कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने दिया ये जवाब
Farmers Protest In Delhi तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की ओर से जारी आंदोलन को लेकर पंजाब और दिल्ली की सरकार के बीच बयानबाजी का सिलसिला तेज हो गया है. आम आदमी पार्टी (AAP) की ओर से पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिख कर प्रदर्शनकारी किसानों को सुरक्षा देने की मांंग पर पंजाब सीएमओ की ओर से जवाब दिया गया है.
Farmers Protest In Delhi तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की ओर से जारी आंदोलन को लेकर पंजाब और दिल्ली की सरकार के बीच बयानबाजी का सिलसिला तेज हो गया है. आम आदमी पार्टी (AAP) की ओर से पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिख कर प्रदर्शनकारी किसानों को सुरक्षा देने की मांंग पर पंजाब सीएमओ की ओर से जवाब दिया गया है.
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट में पंजाब सीएमओ के हवाले से अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप द्वारा किसानों को सुरक्षा देने के लिए पंजाब पुलिस की तैनाती की मांग को तर्कहीन करार दिया गया है. इस मामले पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने संवैधानिक और कानूनी स्वामित्व की भावना को खो दिया है.
Trashing as `arbitrary, absurd & irrational’ the AAP's demand for deployment of state police to protect agitating farmers from Punjab at Delhi borders, CM Capt Amarinder Singh said Arvind Kejriwal’s party had clearly lost all sense of Constitutional & legal propriety: Punjab CMO pic.twitter.com/OMXEBCjmlE
— ANI (@ANI) January 31, 2021
दरअसल, सिंधु बॉर्डर समेत दिल्ली के अन्य सीमाओं पर आंदालन कर रहे पंजाब के किसानों की रक्षा के लिए आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिख प्रदर्शनकारी किसानों को सुरक्षा देने की मांग की है.
वहीं, एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे किसानों के प्रदर्शन की वजह से बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी है. एक व्यक्ति ने बताया कि मैं दिल्ली से आ रहा हूं और कुंडली में काम करता हूं. पुलिस हमें जाने नहीं दे रही है. प्रदर्शन की वजह से हमारा नुकसान हो रहा है.
गौर हो कि किसान नेता राकेश टिकैत के भावुक संदेश और मुजफ्फरनगर महापंचायत में हजारों की संख्या में किसानों की मौजूदगी ने किसान आंदोलन में बार फिर से नयी जान फूंक दी है. गणतंत्र दिवस के अवसर पर कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में निकाले गये ट्रैक्टर परेड के दौरान कई इलाकों में हिंसा की घटनाएं हुई. जिसके बाद किसान आंदोलन के कमजोर पड़ने की चर्चाएं होने लगी. हालांकि, राकेश टिकैट किसान आंदोलन को एक बार फिर से पटरी पर लाने के प्रयास में जुट गये है. जिसके बाद इस मुद्दे पर राजनीति तेज हो गयी है.
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