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AAP: चुनाव से पहले आप को लगा झटका, कई  विधायकों ने छोड़ा साथ 

मतगणना के कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी में विद्रोह के हालात दिख रहे हैं. आम आदमी के चार मौजूदा विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और आप सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. पार्टी के चार विधायक राजेश ऋषि, नरेश यादव, भावना गौड़ और रोहित कुमार मेहरौलिया ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता छोड़ दी. चुनाव के बीच चार विधायकों के इस्तीफे से आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है.

AAP: दिल्ली चुनाव में सत्ता विरोधी लहर को कम करने के लिए आम आदमी पार्टी ने कई विधायकों का टिकट काट दिया था. कई विधायकों की सीटिंग सीट को बदल दिया. बड़े पैमाने पर विधायकों के टिकट कटने के बाद भी शुरू में पार्टी में किसी तरह का विद्रोह नहीं दिखा और ऐसा लगा कि आम आदमी पार्टी ने मौजूदा विधायकों की सहमति के बाद ही नये उम्मीदवार का ऐलान किया है. लेकिन मतगणना के कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी में विद्रोह के हालात दिख रहे हैं. आम आदमी के पांच मौजूदा विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और आप सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. पार्टी के पांच विधायक राजेश ऋषि, नरेश यादव, भावना गौड़ और रोहित कुमार मेहरौलिया ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता छोड़ दी.

चुनाव के बीच पांच विधायकों के इस्तीफे से आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. पहले ही सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही आम आदमी पार्टी पर विपक्षी दल भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं. इस्तीफा देने वाले विधायकों ने भी अरविंद केजरीवाल और दिल्ली सरकार पर भ्रष्टाचार में शामिल होने के गंभीर आरोप लगाए है. इन विधायकों के इस्तीफे से आम आदमी पार्टी को इन सीटों पर नुकसान होने की संभावना है. जनकपुरी से दो बार के विधायक रहे राजेश ऋषि ने टिकट वितरण में भाई-भतीजवाद का आरोप लगाया और कहा कि पार्टी अपने मूल सिद्धांत से भटक गयी है. 


नरेश यादव का इस्तीफा आप के लिए है बड़ा झटका

मेहरौली के विधायक नरेश यादव पर पंजाब के मलेरकोटला में कुरान की बेअदबी का आरोप है. इस आरोप के बावजूद आम आदमी पार्टी ने यादव को एक बार फिर मेहरौली से उम्मीदवार बनाया. लेकिन विपक्षी दलों और ओवैसी की ओर से कुरान की बेदअबी का मामला उठाने के बाद पार्टी ने नरेश यादव की उम्मीदवारी वापस ले ली. पार्टी मुस्लिम मतदाताओं की नाराजगी को देखते हुए यादव की बजाय रोहित चौधरी को उम्मीदवार बना दिया. हालांकि आम आदमी पार्टी की ओर से दावा किया गया कि नरेश यादव ने खुद चुनाव लड़ने से मना कर दिया. पार्टी के इस फैसले से नरेश यादव नाराज थे और अब उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी के लिए मुश्किल बढ़ा दी है.

उन्हें अरविंद केजरीवाल का भरोसेमंद माना जाता रहा है. अगर कुरान की बेदअबी मामले को लेकर नरेश यादव आम आदमी पार्टी की भूमिका को लेकर कुछ बोलते हैं तो चुनाव में पार्टी को मुस्लिम बहुल सीटों पर बड़ा नुकसान हो सकता है. यही नहीं नरेश यादव पार्टी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगा रहे हैं. पार्टी नेताओं के आरोप से चुनाव में आम आदमी पार्टी की मुश्किल बढ़ना तय है. विपक्षी दल आप नेताओं के आरोप के आधार पर यह नैरेटिव बनाने की कोशिश करेंगे कि आप के नेता है भ्रष्टाचार से तंग आ चुके हैं. 

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