AAP:आम आदमी की छवि गढ़ने की कोशिश में जुटे अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल अगले एक हफ्ते में सरकारी आवास खाली कर देंगे. केजरीवाल अब जनता की अदालत में अपनी ईमानदारी का सर्टिफिकेट हासिल करेंगे. केजरीवाल जनता के बीच रहेंगे और दिल्ली की जनता उन्हें ईमानदार साबित करके रहेगी. लेकिन बड़ा सवाल है कि क्या दिल्ली की जनता पहले की तरह केजरीवाल पर भरोसा कर पायेगी.
AAP:दिल्ली के आबकारी नीति में भ्रष्टाचार के आरोप का सामना कर रहे आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद अब विवादों में रहे आवास को भी छोड़ने की घोषणा की है. इसके साथ मुख्यमंत्री के तौर पर मिलने वाली सभी तरह की सुविधा भी छोड़ने की तैयारी है. आप सांसद संजय सिंह ने बुधवार को कहा कि अरविंद केजरीवाल अगले एक हफ्ते में सरकारी आवास खाली कर देंगे. केजरीवाल अब जनता की अदालत में अपनी ईमानदारी का सर्टिफिकेट हासिल करेंगे. केजरीवाल जनता के बीच रहेंगे और दिल्ली की जनता उन्हें ईमानदार साबित करके रहेगी. संजय सिंह ने कहा कि अरविंद केजरीवाल पर पूर्व में कई हमले हो चुके हैं, लेकिन वे इससे चिंतित नहीं है और उनका कहना है कि ईश्वर उनकी रक्षा करेगा. सरकारी आवास छोड़ने के बाद अरविंद केजरीवाल को कौन सा बंगला मिलेगा, यह तय नहीं हो पाया है, लेकिन लोगों के आशीर्वाद से केजरीवाल को नया ठिकाना कहीं न कहीं मिल ही जाएगा. भाजपा का कहना है कि दिल्ली में चुनाव तक केजरीवाल इस तरह के ड्रामे करते रहेंगे, लेकिन अब दिल्ली की जनता उनकी हकीकत को समझ चुकी है.
खुद को आम आदमी के तौर पर पेश करने की कोशिश
अरविंद केजरीवाल ने अन्ना आंदोलन के दौरान नेताओं को मिल रही सरकारी सुविधाओं को मुद्दा बनाकर खुद को एक नायक के तौर पर पेश किया. दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ भ्रष्टाचार और सरकारी सुविधा हासिल करने को जोर-शोर से उठाकर आम लोगों के बीच सहानुभूति हासिल की. लेकिन अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री बनने के साथ ही सभी तरह की सुविधाओं का लाभ लेने की कवायद में जुट गए. मुख्यमंत्री आवास पर करोड़ों रुपये खर्च करने के आरोप लगे. साथ ही सुरक्षा के नाम पर भारी-भरकम सुरक्षा दस्ता लेने, भ्रष्टाचार और अन्य कई तरह की सुविधा लेने की बात सामने आयी.
इस बीच दिल्ली में आबकारी नीति बनाने में भ्रष्टाचार के मामले में जेल गए, लेकिन मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा नहीं दिया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट से शर्तो के साथ जमानत मिलने के बाद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने की घोषणा की. लेकिन दिल्ली सरकार भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद केजरीवाल की छवि को धक्का लगा है. ऐसे में केजरीवाल एक बार फिर आम आदमी के तौर पर पेश करने के लिए सरकारी सुविधाओं को छोड़ने की घोषणा कर रहे हैं. लेकिन सवाल है कि क्या पहले की तरह केजरीवाल की बातों पर जनता भरोसा कर पायेगी.