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AAP नेता संजय सिंह और SP नेता पवन पांडेय ने राम मंदिर की भूमि खरीद में भ्रष्टाचार का लगाया आरोप, कहा- CBI और ED से जांच कराएं PM मोदी

Sanjay Singh, Pawan Pandey, Ram Mandir, Land purchase : लखनऊ : अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा खरीदी गयी जमीन में प्रदेश की विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाये हैं. आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता पवन पांडेय ने मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच की मांग की है.

लखनऊ : अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा खरीदी गयी जमीन में प्रदेश की विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाये हैं. आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता पवन पांडेय ने मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच की मांग की है.

‘आप’ नेता संजय सिंह ने रविवार को ट्वीट कर कहा है कि ”मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के नाम पर इतना बड़ा घोटाला सुनकर आपके पैरों के नीचे ज़मीन खिसक जायेगी.” साथ ही कहा है कि दो करोड़ की जमीन ट्रस्ट के चंपत राय ने पांच मिनट बाद 18.5 करोड़ रुपये में खरीदी. ये देश के करोड़ों लोगों की आस्था पर आघात है.” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीबीआई और ईडी से जांच करा कर दोषियों को जेल भेजने की बात कही है.

उन्होंने कहा है कि ”रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी ने शाम 7:10 PM पर 2 करोड़ की जमीन खरीदी. शाम 7:15 PM पर राम जन्मभूमि ट्रस्ट के चंपत राय ने 18.5 करोड़ में उनसे ये जमीन खरीद ली. क्या दुनिया में कहीं 5.50 लाख रुपये प्रति सेकेंड जमीन महंगी होते देखा है. ये काम चंपत राय ने किया है.” उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के साथ-साथ अयोध्या के मेयर की भूमिका पर भी सवाल उठाये हैं.

‘आप’ नेता ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स में दावा किया कि राम मंदिर निर्माण के लिए जमीन खरीद ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के इशारे पर किये गये हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय जमीन के निबंधन में गवाह हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों बार जमीन की खरीद में गवाह एक ही हैं. जमीन की खरीद के बाद 18.5 करोड़ रुपये में से 17.5 करोड़ रुपये भी आरटीजीएस कर दिये गये.

वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री पवन पांडेय ने भी संवाददाता सम्मेलन में सवाल उठाया कि मात्र 10 मिनट में किसी भू-खंड का मूल्य 10 गुना कैसे बढ़ सकता है. उन्होंने बताया कि 18 मार्च, 2021 को राम मंदिर के जमीन की रजिस्ट्री में कीमत दो करोड़ रुपये बतायी गयी. लेकिन, 10 मिनट बाद ही राम मंदिर ट्रस्ट और विक्रेता के बीच 18 करोड़ रुपये से ज्यादा का समझौता हुआ.”

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