AAP MLA:आखिर आप विधायक अमानतुल्लाह खान की क्यों हुई गिरफ्तारी?
प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि वक्फ बोर्ड अध्यक्ष रहते अमानतुल्लाह खान ने 100 करोड़ रुपये की वक्फ संपत्तियों को अवैध रूप से लीज पर दिया और वक्फ बोर्ड में 32 लोगों को नियमों की अनदेखी कर नियुक्त किया.
AAP MLA:आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को वक्फ बोर्ड में अनियमितता के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है. ओखला विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान का विवादों पर पुराना नाता रहा है. सोमवार सुबह जब प्रवर्तन निदेशालय की टीम खान के बाटला हाउस आवास पर पहुंचने पर हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ. आप विधायक ने घर का दरवाजा खोलने से इंकार कर दिया. इस दौरान विधायक और जांच एजेंसी के अधिकारियों की बीच तीखी-नोंकझोंक हुई. आवास के बाहर लोगों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती करनी पड़ी. आखिरकार विधायक ने गेट खोला और जांच एजेंसी के अधिकारी अंदर दाखिल हुए और कई घंटे की पूछताछ के बाद खान को गिरफ्तार कर लिया गया. प्रवर्तन निदेशालय ने अप्रैल 2023 में खान से पूछताछ की थी, लेकिन उसके बाद वे लगातार समन की अनदेखी कर रहे थे. खान ने समन पर रोक लगाने के खिलाफ निचली अदालत में चुनौती दी थी. लेकिन अदालत ने रोक लगाने से इंकार कर दिया.
अमानतुल्लाह पर क्या हैं आरोप
दिल्ली के वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहे अमानतुल्लाह खान के खिलाफ नवंबर 2016 में अवैध भर्ती और वित्तीय अनियमितता की शिकायत दर्ज करायी गयी. शिकायत मिलने पर पर वर्ष 2022 में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने जांच शुरू की और खान के करीबी कौसर इमाम सिद्दीकी उर्फ लड्डन के घर छापे में एक से लाल डायरी मिली. इस डायरी में कई अहम जानकारी थी. फिर जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया गया. सीबीआई जांच में वक्फ बोर्ड में नियमों की अनदेखी कर चहेतों की नियुक्ति और वित्तीय लाभ हासिल करने के सबूत मिले. इसके बाद सीबीआई ने मामला दर्ज किया. इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय ने भी मामला दर्ज किया. प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि वक्फ बोर्ड अध्यक्ष रहते अमानतुल्लाह खान ने 100 करोड़ रुपये की वक्फ संपत्तियों को अवैध रूप से लीज पर दिया और वक्फ बोर्ड में 32 लोगों को नियमों की अनदेखी कर नियुक्त किया.
विवादों से रहा है पुराना नाता
उत्तर प्रदेश के मेरठ में जन्मे अमानतुल्लाह खान ओखला विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013 में लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन चुनाव हार गए. फिर वे आम आदमी पार्टी में शामिल हुए और वर्ष 2015 के चुनाव में विधायक चुने गये. फिर वर्ष 2020 में भी चुनाव जीतने में सफल रहे. वर्ष 2016 में एक महिला को धमकाने के आरोप में पुलिस ने खान को गिरफ्तार किया. फिर साले की पत्नी द्वारा यौन शोषण का आरोप लगाने के मामले में दोबारा पुलिस ने गिरफ्तार किया.
मई 2017 में कुमार विश्वास पर हमला करने के आरोप में पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया. लेकिन बाद में उनका निलंबन रद्द कर दिया गया. 20 फरवरी 2018 को दिल्ली के मुख्य सचिव रहे अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के मामले में भी खान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. नागरिकता कानून के खिलाफ लोगों को भड़काने का आरोप भी खान पर लग चुका है. खान के खिलाफ दिल्ली पुलिस में कई मामले दर्ज हैं और उन्हें पुलिस बैड कैरेक्टर भी घोषित कर चुकी है. खान के बेटे पर नोएडा में पेट्रोल पंप के कर्मियों के साथ मारपीट का मामला भी दर्ज है.