MCD Election 2022 : भाजपा या ‘आप’, एमसीडी पर किसका होगा कब्जा ? कम वोटिंग के क्या है मायने
MCD Election 2022 : अधिकारियों ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में बड़ी गड़बड़ी की कोई सूचना नहीं मिली और 493 स्थानों पर 3,360 संवेदनशील बूथों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हुआ.
MCD Election 2022 : एमसीडी चुनाव संपन्न हो चुका है. दिल्ली में 250 नगर निगम वार्ड के चुनाव में रविवार को शाम साढ़े पांच बजे तक करीब 50.47 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. मुख्य प्रतिद्वंद्वियों भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप), दोनों अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही है. राज्य निर्वाचन आयोग ने रविवार को एक बयान में कहा कि कुछ मतदान केंद्रों पर शाम साढ़े पांच बजे के बाद भी मतदान जारी रहा, जहां मतदाता मतदान परिसर के अंदर पहले से ही कतार में खड़े हुए थे.
राज्य निर्वाचन आयोग ने बताया कि एमसीडी के 250 वार्ड के लिए मतदान चार दिसंबर को हुआ और शाम साढ़े पांच बजे तक करीब 50.47 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. इसमें कहा गया है कि सबसे अधिक (65.74 प्रतिशत) मतदान वार्ड नंबर पांच (बख्तावरपुर) में हुआ, जबकि सबसे कम (33.74 फीसदी) वोट वार्ड नंबर 145 (एंड्रयूज गंज) में पड़े. एसईसी ने कहा कि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रहा और कहीं से भी कोई अप्रिय घटना दर्ज नहीं की गयी.
चुनाव का ‘‘बहिष्कार”
चुनाव आयोग ने बताया कि वार्ड नंबर 31 (नंगल ठकरान) में तीन मतदान केंद्रों (17, 18 ,19) में मतदाताओं ने राजनीतिक दलों द्वारा अपने इलाकों में विकास न किये जाने को लेकर चुनाव का ‘‘बहिष्कार” किया. एसईसी ने बयान में कहा कि मीडिया में मतदाता सूची से कुछ लोगों के नाम हटाए जाने के संबंध में कुछ घटनाएं दिखाई गईं. उसने कहा, ‘‘इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग ने मीडिया को एक स्पष्टीकरण दिया है कि मतदाता सूची तैयार करने तथा उसमें नाम जोड़ने या हटाने का काम केवल भारत निर्वाचन आयोग करता है, जिसका दिल्ली में प्रतिनिधि मुख्य निर्वाचन अधिकारी, दिल्ली होता है.
चुनाव परिणाम सात दिसंबर को
चुनाव परिणामों की घोषणा सात दिसंबर को होगी. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली ‘आप’ और भाजपा के बीच मुकाबले में कूड़े के पहाड़ (लैंडफिल) सबसे बड़े मुद्दों में से एक के रूप में उभरे. भाजपा पिछले 15 वर्षों से नगर निगम की सत्ता में है. ‘आप’ और उसके नेता अरविंद केजरीवाल के लिए चुनाव महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे देश में 2024 के आम चुनावों से पहले पार्टी का विस्तार चाहते हैं. भाजपा ने एमसीडी चुनाव के प्रचार के लिए अपने शीर्ष नेताओं को मैदान में उतारा था. इनमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी तथा पीयूष गोयल जैसे 19 केंद्रीय मंत्री और छह राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हैं. भाजपा को 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में ‘आप’ के हाथों हार का सामना करना पड़ा था और उसने 70 में से सिर्फ आठ सीटें जीती थीं.
ये भी जानें
गौर हो कि दिल्ली में 2012-2022 तक 272 वार्ड और तीन निगम-उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी), दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) थे. तीनों नगर निगमों के फिर से एकीकृत होने के बाद एमसीडी औपचारिक रूप से 22 मई को अस्तित्व में आया था. वर्ष 1958 में स्थापित एमसीडी को 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान तीन भागों में बांट दिया गया था. वर्ष 2017 में हुए नगर निगम चुनाव में भाजपा ने 270 वार्ड में से 181 वार्ड में जीत हासिल की थी. उस वर्ष हुए चुनाव में लगभग 53 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था.