AAP: राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह के बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर पर दिए गए बयान को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गयी है. विपक्षी दलों ने संसद में इस मुद्दे पर प्रदर्शन किया और गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की. वहीं दूसरी ओर आम आदमी ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल, पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मुख्यमंत्री आतिशी, सांसद संजय सिंह के अलावा कई नेता और कार्यकर्ता शामिल थे. सभी के हाथों में बाबा साहेब का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान की तख्तियां थी. प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे.
आप नेताओं और कार्यकर्ताओं को भाजपा मुख्यालय की ओर नहीं बढ़ने देने पर नेता वहीं धरने पर बैठ गए. इस मौके पर अरविंद केजरीवाल ने कहा संसद में गृह मंत्री ने जिस तरह से अंबेडकर का अपमान किया, उससे देश के करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई है. वह व्यक्तिगत रूप से आहत हुए हैं और उनके जैसे करोड़ों लोगों के लिए बाबा साहेब आदर्श हैं. अमित शाह ने मंगलवार को कल सदन में जो कहा उससे लगता है कि यह भाजपा की सोची समझी रणनीति थी. आम आदमी पार्टी की मांग है कि बाबा साहेब का अपमान करने के लिए गृह मंत्री के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. दिल्ली चुनाव में इस मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी घर-घर जायेगी.
चुनाव में लाभ उठाने की कोशिश में केजरीवाल
दिल्ली विधानसभा से पहले आम आदमी पार्टी बाबा साहेब के अपमान का मुद्दा उठाकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश में है. पार्टी का मानना है कि बाबा साहेब के अपमान का मुद्दा उठाकर वह दलित मतदाताओं को साधने में कामयाब होगी. साथ ही आप की कोशिश इस मुद्दे पर भाजपा को बैकफुट पर लाने की है. दिल्ली में दलित मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है. दिल्ली की कुल 70 सीटों में 12 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं.
इसके अलावा कई विधानसभा सीट पर अनुसूचित जाति के मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं. पहले इन क्षेत्रों में कांग्रेस का दबदबा था, लेकिन 2015 के बाद आप ने आरक्षित सीटों पर जीत हासिल की है. मौजूदा समय में दिल्ली की सभी आरक्षित सीटों पर आप का कब्जा है. ऐसे में आम आदमी पार्टी एक बार फिर बाबा साहेब के अपमान का मुद्दा उठाकर इन सीटों पर बढ़त हासिल करने की कोशिश में है. इसलिए गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर आम आदमी पार्टी ने जोर-शोर से उठाने का निर्णय लिया है.