AAP: अब दिल्ली की राजनीति मंदिर और बौद्ध मठ के विध्वंस पर टिकी
मुख्यमंत्री आतिशी ने एक बार फिर उपराज्यपाल पर निशाना साधा और कहा कि धार्मिक कमेटी कई मंदिरों और बौद्ध मठों को तोड़ने की योजना बना रही है. बुधवार को आतिशी ने कहा कि मंदिरों और बौद्ध मठों को तोड़ने का आदेश भाजपा के दोहरे चरित्र को उजागर करता है.
AAP: दिल्ली में मंदिरों और बौद्ध मठों के सहारे वोट हासिल करने के लिए जोर-आजमाइश का दौर चल रहा है. मंदिरों और मठों को तोड़े जाने को लेकर आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच सियासत तेज हो गयी है. मुख्यमंत्री आतिशी ने एक बार फिर उपराज्यपाल पर निशाना साधा और कहा कि धार्मिक कमेटी कई मंदिरों और बौद्ध मठों को तोड़ने की योजना बना रही है. बुधवार को आतिशी ने कहा कि मंदिरों और बौद्ध मठों को तोड़ने का आदेश भाजपा के दोहरे चरित्र को उजागर करता है. भाजपा खुद को हिंदुत्व का हितैषी होने का दिखावा करती है और दूसरी ओर अधिकारियों एवं उपराज्यपाल के जरिये मंदिरों को तोड़ने का आदेश जारी कर रही है.
किसी धार्मिक स्थल को तोड़ने और हटाने के लिए धार्मिक कमेटी होती है, जो पहले दिल्ली सरकार के गृह विभाग के तहत काम करती थी. पिछले साल तक धार्मिक स्थलों को तोड़ने और हटाने का संबंधी फैसले गृह मंत्री के सामने पेश किए जाते थे और मंजूरी मिलने के बाद ही कार्रवाई होती थी. लेकिन पिछले साल उपराज्यपाल ने आदेश दिया कि यह कानून-व्यवस्था से जुड़ा मामला है. ऐसे में यह उपराज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में आता है. आतिशी ने कहा कि अब धार्मिक कमेटी पर सीधा नियंत्रण उपराज्यपाल का है. अब इस मामले में मुख्यमंत्री और गृह विभाग का कोई दखल नहीं है.
भाजपा को हिंदू विरोधी साबित करने की कोशिश
आतिशी ने कहा कि धार्मिक कमेटी के चेयरमैन गृह विभाग के प्रधान सचिव होते हैं और वे कमेटी की सिफारिश को सीधे उपराज्यपाल को भेज रहे हैं. पिछले साल उपराज्यपाल की अध्यक्षता में 22 नवंबर को हुई बैठक में कई मंदिरों को तोड़ने का फैसला लिया गया. इसमें पश्चिम पटेल नगर, दिलशाद गार्डन, सीमापुरी, गोकुलपुरी, न्यू उस्मानपुर, सुल्तानपुरी और सुंदर नगरी में बौद्ध मठ शामिल है. इलाके के डीएम और एसडीएम को इसे तोड़ने की तैयारी कर रहे हैं. गौर करने वाली बात है कि जिल इलाकों का मुख्यमंत्री ने जिक्र किया है, वहां मुस्लिम आबादी अधिक संख्या में है.
आम आदमी पार्टी चुनाव के दौरान यह संदेश देने की कोशिश में है कि भाजपा जानबूझकर मुस्लिम बहुल इलाकों में मंदिरों को तोड़ने की योजना बना रही है. आम आदमी पार्टी को डर है कि चुनाव के दौरान इन इलाकों में मंदिरों को तोड़ने के मुद्दे पर भाजपा दिल्ली सरकार के खिलाफ आक्रामक रवैया अपना कर ध्रुवीकरण की राजनीति को हवा दे सकती है. ऐसे में आम आदमी पार्टी पहले से भाजपा पर हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगा कर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश में जुट गयी है. मंगलवार को उपराज्यपाल साफ कर चुके हैं कि ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया है और मुख्यमंत्री घटिया राजनीति कर रही है.