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AAP ने पीएम मोदी की डिग्री की वास्तविकता पर उठाया सवाल, कहा- जांच की जाए तो निकलेगी फर्जी

राज्यसभा सदस्य एवं ‘आप’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने आज प्रधानमंत्री से देश के सामने सच्चाई का खुलासा करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि यदि उनकी डिग्री फर्जी निकली, तो वह अपनी लोकसभा सदस्यता गंवा देंगे और इलेक्शन कमीशन को गलत जानकारी देने के लिए चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य हो जाएंगे.

आम आदमी पार्टी (आप) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री की वास्तविकता पर आज सवाल उठाया और दावा किया कि अगर जांच की जाती है, तो वो फर्जी निकलेगी. गुजरात हाई कोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग (CEO) के सात साल पुराने उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें गुजरात यूनिवर्सिटी को प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया था. कोर्ट ने केजरीवाल पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था.

आम आदमी पार्टी ने 2016 में भी इस मुद्दे को उठाया

आम आदमी पार्टी ने 2016 में भी इस मुद्दे को उठाया था और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह और तत्कालीन फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने इन आरोपों को खारिज करने के लिए संवाददाता सम्मेलन के दौरान मोदी की डिग्री प्रदर्शित की थी और प्रधानमंत्री मोदी को कथित तौर पर बदनाम करने की कोशिश के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री से माफी की मांग की थी. राज्यसभा सदस्य एवं ‘आप’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने आज प्रधानमंत्री से देश के सामने सच्चाई का खुलासा करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि यदि उनकी डिग्री फर्जी निकली, तो वह अपनी लोकसभा सदस्यता गंवा देंगे और इलेक्शन कमीशन को गलत जानकारी देने के लिए चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य हो जाएंगे.

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डिग्री का मामला सामने आने के बाद से भाजपा सहमी

संजय सिंह ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा- प्रधानमंत्री की डिग्री का मामला सामने आने के बाद से भाजपा सहमी हुई है. भाजपा के कई मंत्री और प्रवक्ता यह साबित करने में जुट गए हैं कि प्रधानमंत्री की डिग्री फर्जी नहीं है. हालांकि, भाजपा ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल प्रधानमंत्री मोदी पर इसलिए निशाना साध रहे हैं क्योंकि, जांच एजेंसियां दिल्ली आबकारी नीति घोटाले सहित ‘आप’ सरकार के भ्रष्टाचार के सबूत खोज रही हैं.

प्रधानमंत्री मोदी की शैक्षणिक योग्यता का सवाल नहीं

एक अलग संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की शैक्षणिक योग्यता का सवाल नहीं है, बल्कि अगर उन्होंने अपनी योग्यता के बारे में झूठा दावा किया है और फर्जी डिग्री हासिल की है तो यह नैतिक पतन है. भारद्वाज ने कहा- क्या एक व्यक्ति, जिसकी नैतिक रूप से इतनी संकीर्ण सोच है और जिसने फर्जी डिग्री हासिल की है, क्या उन्हें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री, उपमुख्यमंत्री, विधायक या सांसद होना चाहिए?’’ उन्होंने कहा कि इस सवाल का जवाब नहीं है.

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अगर जांच की जाती है, तो डिग्री निकलेगी फर्जी

इलेक्शन कमीशन के नियमों का जिक्र करते हुए सिंह ने दावा किया- अगर जांच की जाती है, तो प्रधानमंत्री की डिग्री फर्जी निकलेगी और उनकी (लोकसभा) सदस्यता रद्द हो जायेगी. उन्होंने आरोप लगाया. वह न तो सांसद रहेंगे और न ही चुनाव लड़ने के पात्र रहेंगे, क्योंकि प्रधानमंत्री ने बहुत बड़ा धोखा किया है. सिंह ने कहा- इलेक्शन कमीशन के नियमों के अनुसार, यदि आप अपनी डिग्री या संपत्ति के बारे में गलत जानकारी देते हैं, तो आपकी सदस्यता रद्द की जा सकती है.

कथित गलत वर्तनी को किया उजागर

संवाददाता सम्मेलन में, आम आदमी पार्टी नेता ने गुजरात यूनिवर्सिटी द्वारा जारी की गई मोदी की डिग्री की एक कथित प्रति दिखाई और अपने दावे को साबित करने के लिए दस्तावेज में यूनिवर्सिटी शब्द की कथित गलत वर्तनी को उजागर किया और कहा कि यह फर्जी है. उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री की जिस डिग्री को सार्वजनिक किया गया था और जिसे गृह मंत्री अमित शाह ने संवाददाता सम्मेलन में दिखाया था, उससे कई सवाल खड़े होते हैं.

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गुजरात हाई कोर्ट का फैसला विडंबनापूर्ण

संजय सिंह ने प्रधानमंत्री की डिग्री के मुद्दे पर गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को भी हैरान करने वाला और विडंबनापूर्ण करार दिया. उन्होंने पत्रकारों से कहा- गुजरात हाई कोर्ट का फैसला विडंबनापूर्ण और चौंकाने वाला था क्योंकि सीआईसी ने गुजरात यूनिवर्सिटी को मोदी की डिग्री दिखाने का आदेश दिया था और यूनिवर्सिटी ने इस आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी. उन्होंने कहा, लेकिन, गुजरात हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल पर जुर्माना लगाया, जिनका इससे कोई लेना-देना नहीं था. वह अपील दायर करने भी नहीं गए थे.

मामले में सूचना का अधिकार अर्जी दाखिल

केजरीवाल ने इस मामले में सूचना का अधिकार (आरटीआई) अर्जी दाखिल की है. केजरीवाल ने कल एक बयान में कहा था, मेरा आज केवल एक ही सवाल है कि 21वीं सदी में भारत के प्रधानमंत्री को शिक्षित होना चाहिए या नहीं. क्या भारत को शिक्षित प्रधानमंत्री की जरूरत है? उन्होंने कहा था कि अगर मोदी की डिग्री वैध है तो गुजरात यूनिवर्सिटी उसे दिखा क्यों नहीं रहा. प्रधानमंत्री पर नए सिरे से निशाना साधते हुए केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि यूनिवर्सिटी के प्रधानमंत्री की अकादमिक योग्यता पर सूचना न देने की दो वजहें हो सकती हैं – यह मोदी का अहंकार हो सकता है या उनकी डिग्री फर्जी है.

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