आम आदमी पार्टी (आप) हिंसाग्रस्त मणिपुर की स्थिति और पूर्वोत्तर राज्य में महिलाओं के खिलाफ बर्बरता की कथित घटनाओं के खिलाफ मंगलवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया. इससे पहले ‘आप’ की दिल्ली इकाई के समन्वयक गोपाल राय ने ट्वीट किया कि मणिपुर में बढ़ती हिंसा और महिलाओं से बर्बरता के खिलाफ आम आदमी पार्टी मंगलवार शाम चार बजे दिल्ली के जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करेगी. सभी साथियों से अपील है कि शाम चार बजे जंतर-मंतर जरूर पहुंचें.
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं.
इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में पिछले कुछ दिनों से जारी गतिरोध के बीच मंगलवार को विपक्षी दलों का एक बार फिर से आह्वान किया कि वे मणिपुर जैसे संवेदनशील विषय’ पर चर्चा करें क्योंकि ‘देश के लोग उन्हें देख रहे हैं और वे जनता का खौफ करें. शाह ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को पत्र लिखकर यह भी कहा कि वे मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा में ‘अमूल्य सहयोग’ दें.
अमित शाह ने विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच कहा कि मैंने आज दोनों सदन के विपक्ष के नेता को पत्र लिखा है कि कितनी भी लंबी चर्चा के लिए मैं तैयार हूं. सरकार को कोई डर नहीं है, जिसको चर्चा करनी है वो चर्चा करने आए। हमें कुछ छिपाना नहीं है. गृह मंत्री ने विपक्षी सदस्यों के लिए कहा कि जनता आपको देख रही है, चुनाव में जाना है. जनता के खौफ को ध्यान में रखें. आपसे विनती है कि मणिपुर जैसे संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा के लिए सदन में उचित माहौल बनाइए.
मणिपुर के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को भी लोकसभा में कहा था कि सरकार इस बेहद संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा को तैयार है और विपक्ष से आग्रह है कि वे चर्चा होने दें और सच्चाई सामने आने दें.