नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोरोना के डेल्टा स्वरूप की उत्पत्ति पर कई लेख तथा काफी साहित्य सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं. अदालत साजिश के कोण में पड़ने की बजाय महामारी से निबटने पर ध्यान केंद्रित करेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर विचार करने से इन्कार कर दिया, जिसमें डेल्टा स्वरूप की उत्पत्ति और यह किस हद तक कोविड-19 की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार था, इसके बारे में वैज्ञानिक पड़ताल के उद्देश्य से इस अदालत के परामर्श से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों (चीन के लोगों सहित) को मिलाकर एक अंतरराष्ट्रीय कार्य बल गठित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता एनजीओ ‘अभिनव भारत कांग्रेस’ और उसके अध्यक्ष पंकज फडणीस को अंतरराष्ट्रीय कार्य बल के गठन के संबंध में सरकार से संपर्क करना चाहिए.
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पीठ ने कहा, ‘आपको अपने अनुरोध के साथ सरकार से संपर्क करना चाहिए और एक प्रस्तुतिकरण देना चाहिए. इस मामले के लिए हमारा अधिकार क्षेत्र चीन के नागरिकों या अमेरिका के नागरिकों पर नहीं है. अगर वे वायरस स्वरूप की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए एक कार्य बल का गठन करना चाहते हैं तो वे ऐसा कर सकते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं कर सकते.’
2.50 लाख से अधिक भारतीयों की कोरोना से मौत
फडणीस ने कहा कि कोरोना के डेल्टा स्वरूप की उत्पत्ति अभी भी एक रहस्य है और कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी उत्पत्ति महाराष्ट्र के अमरावती में हुई है, जबकि अन्य विशेषज्ञों ने अलग-अलग बातें कही हैं. उन्होंने कहा कि आधिकारिक गणना के अनुसार, अप्रैल से जून 2021 तक 2,50,000 से अधिक भारतीयों की कोविड-19 के कारण मौत हो गई जबकि अन्य विश्वसनीय रिपोर्ट ने इस संख्या को 15 गुना से अधिक बताया है.
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पीठ ने कहा, ‘हम जानते हैं कि कोरोना के डेल्टा स्वरूप के संबंध में बहुत सारे लेख और साहित्य सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं, लेकिन हम यहां साजिश के कोण में पड़ने की बजाय महामारी से निबटने पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं.’
Posted By: Mithilesh Jha
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