कांग्रेस ने राहुल गांधी की सजा को तुरंत चुनौती क्यों नहीं दी ? जानें वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने क्या कहा

सुपरसोनिक वकील होने चाहिए...लेकिन मुद्दा यह है कि क्या हम यहां सुपरसोनिक फाइलिंग करने आए हैं? जानें वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने क्या कहा

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 29, 2023 5:16 PM

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता जानें के बाद पार्टी में हंगामा मच गया था. मोदी सरनेम मामले में कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जानें के बाद उनकी सदस्यता चली गयी थी. हालांकि भाजपा ने कांग्रेस पर ही वार करते हुए कहा था कि उनकी पार्टी में कई दिग्गज वकील हैं लेकिन उनकी सजा को चैलेंज नहीं किया गया जिस वजह से राहुल गांधी के साथ ऐसा हुआ.

अब कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने भाजपा के आरोपों का जवाब दिया है. आपको बता दें कि सिंघवी न्यायमूर्ति हेमंत एम प्रच्छक की गुजरात हाई कोर्ट की पीठ के समक्ष राहुल गांधी के मामले में उनका पक्ष रख रहे हैं. सिंघवी ने केवल 24 घंटे के बाद राहुल गांधी को बर्खास्त करने के लोकसभा सचिवालय के फैसले की “वैधता” और “निष्पक्षता” पर सवाल उठाया है.

बिना पूछे बहुत सी सलाह दी गयी

सिंघवी ने आगे कहा कि टेलीविजन पर बिना पूछे बहुत सी सलाह दी जाती है. यह देखकर मुझे खुशी होती है. मैं होता तो 8 घंटे में अपील करता, किसी ने कहा 24 घंटे में अपील करता….सुपरसोनिक वकील होने चाहिए…लेकिन मुद्दा यह है कि क्या हम यहां सुपरसोनिक फाइलिंग करने आए हैं? उन्होंने कहा कि मैं लॉर्डशिप कोर्ट में गया और उन्हें बताया कि मैंने आधे फैसले का अनुवाद कर लिया है, लेकिन यह अयोग्यता कल होने वाली है, इसलिए मेरी अपील तुरंत स्वीकार करें.

क्या है मामला

गौर हो कि गुजरात में भाजपा के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी. फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे.

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सूरत की सत्र अदालत ने कांग्रेस नेता को दोषी ठहराये जाने के फैसले पर रोक लगाने की उनकी अर्जी 20 अप्रैल को खारिज कर दी थी. गांधी इस मामले में फिलहाल जमानत पर हैं.

सिंघवी ने हाई कोर्ट में गांधी की ओर से क्या दी  दलील

इधर, वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने शनिवार को गुजरात हाई कोर्ट से कहा कि राहुल गांधी की ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी से जुड़े एक आपराधिक मानहानि मामले की सुनवाई प्रक्रिया को लेकर ‘‘गंभीर दोषपूर्ण तथ्यों के आधार पर’’ कांग्रेस नेता की दोषसिद्धि हुई. सिंघवी ने हाई कोर्ट में गांधी की ओर से दलील देते हुए यह टिप्पणी की. हाई कोर्ट राहुल गांधी की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें इस आपराधिक मानहानि मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाने के सूरत सत्र अदालत के आदेश को चुनौती दी गयी है.

गांधी की आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई

न्यायमूर्ति हेमंत प्राच्छक ने सत्र अदालत के 20 अप्रैल के आदेश को चुनौती देने वाली गांधी की आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई की. यदि हाई कोर्ट इस याचिका को मंजूर कर लेता है, तो इससे गांधी को फिर से संसद सदस्य बनाए जाने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है. इससे पहले न्यायमूर्ति गीता गोपी की अदालत के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए इस मामले का उल्लेख किया गया था. न्यायमूर्ति गोपी ने बाद में खुद को सुनवाई से अलग कर लिया था और फिर न्यायमूर्ति प्राच्छक को यह मामला सौंपा गया था.

भाषा इनपुट के साथ

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