हैदराबाद : तेलंगाना प्रशासन का अनुमान है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में तेलंगाना के 1000 से अधिक लोग शामिल हुए होंगे.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन लोगों के संपर्क में आए लोगों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है. उस कार्यक्रम में शामिल होने वाले छह लोगों की कोरोना वायरस से मौत होने के बाद राज्य सरकार ने अपने प्रयास तेज कर दिए हैं.
सोमवार को सरकारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया था कि 13-15 मार्च के बीच इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले छह लोगों की मौत कोरोना वायरस से हुई है. अधिकारी ने बताया, हमारा अनुमान है कि 1,000 से अधिक लोग दिल्ली में कार्यक्रम में शामिल हुए थे. उनके लौटने के बाद उनके संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाने के लिए संबंधित जिला कलेक्टर और पुलिसकर्मी जुटे हुए हैं.
मृतकों के परिवार के सदस्यों को पृथक किया गया है. जिन छह लोगों की मौत हुई है, उनमें से दो की मौत गांधी अस्पताल में हुई, एक-एक व्यक्ति की मौत दो निजी अस्पतालों में और एक व्यक्ति की मौत निजामाबाद और एक व्यक्ति की मौत गडवाल शहर में हुई. सोमवार रात तक तेलंगाना में कोरोना वायरस के कुल 77 मामले सामने आए हैं जिनमें से 14 लोग इस संक्रमण से उबर चुके हैं.
तेलंगाना सरकार ने कार्यक्रम में भाग लेने वाले लोगों से प्राधिकारियों को इसकी जानकारी देने को कहा है. तेलंगाना सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के बयान में कहा गया है कि जिसके पास इसकी जानकारी हो वो सरकार को सूचित करें.
निजामाबाद के कलेक्टर नारायण रेड्डी से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि अब तक कार्यक्रम में शामिल होने वाले शहर के 53 लोगों के संपर्क में आए 200 से अधिक लोगों को पृथक रखा गया है. रेड्डी ने कहा, उनमें से एक व्यक्ति अभी भी दिल्ली में है और एक की मृत्यु हो चुकी है. शेष 51 लोग पृथक सेवा में हैं.
गडवाल डिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मृतक के संपर्क में आने वाले लोगों की पहचान कर पृथक रखा गया है। उन्होंने बताया, मृतक के बेटे, बहू और दो पोते-पोतियों में बुखार की शिकायत मिलने के बाद उन्हें गांधी अस्पताल में स्थानांतरित किया गया है. बेटे और बहू में संक्रमण की पुष्टि हुई है और उनका इलाज चल रहा है.