coronavirus disease in India नयी दिल्ली : भारत में कोरोनावायरस संक्रमण (Coronavirus Pandemic) के कारण अस्पताल में भर्ती 10 लोगों में से 6 लोग 40 साल से कम उम्र के हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार भारत में कोविड-19 संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती करीब 2 लाख लोगों पर किये गये विश्लेषण में यह बात सामने आयी है. इनमें से 62.5 फीसदी मरीजों की उम्र 40 साल से कम है. भारत में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 6,682,073 पहुंच गया है.
भारत में एक दिन में सबसे ज्यादा मामले 11 और 16 सितंबर को दर्ज किये गये. दोनों ही दिन 97 हजार से ज्यादा नये केस सामने आये. पहली बार 26 जुलाई को 50 हजार से ज्यादा नये मामले दर्ज किये गये और उसके बाद कुछ दिनों को छोड़कर रोज नये मामलों की संख्या बढ़ती ही चली गयी. कोरोनावायरस महामारी से भारत में एक लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं.
पूरी दुनिया की बात करें तो इस वायरस के संक्रमण का मामला युवाओं में ज्यादा देखा जा रहा है. हालांकि, मरने वालों में अधिकतर बुजुर्ग हैं. भारत में हुई करीब 1 लाख मौतों में 53 फीसदी लोग 60 साल से अधिक उम्र के हैं. जबकि 88 फीसदी की उम्र 45 साल से अधिक बताई जा रही है. भर्ती मरीजों में केवल 9 फीसदी मरीज ही ऐसे हैं जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है.
डेटा की बात करें तो भारत सरकार की ओर से जारी डेटा में बताया गया है कि 1 लाख 80 हजार भर्ती मरीजों के विश्लेषण में देखा गया कि 0-10 साल के 4.4 फीसदी मरीज हैं. इसी प्रकार 11-20 साल आयु वर्ग में 9.82 फीसदी मरीज अस्पताल में भर्ती हुए. वहीं, 21-30 साल के युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा 25.84 फिसदी है. 31-40 साल के मरीज 22.48 फीसदी अस्पताल में भर्ती हुए.
जानकारों का कहना है कि किसी भी महामारी के समय में ऐसा पहली बार हो रहा है के सरकार आयु के हिसाब से संक्रमितों की संख्या बता रही है. सरकारी डेटा में 41-50 साल के अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या 15.76 फीसदी है. 51-60 साल के 12.33 फीसदी, 61-70 साल के 6.56 फीसदी, 71-80 साल के 2.19 फीसदी, 81-90 साल के 0.51 फीसदी और 90 साल से अधिक के मरीज केवल 0.09 फीसदी अस्पताल में भर्ती हुए.
विश्व स्वास्थ्य संगठन में आपातकालीन सेवाओं के प्रमुख ने कहा है कि विश्व भर में प्रत्येक दस में से एक व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकता है. कोविड-19 पर सोमवार को हुई 34 सदस्यीय कार्यकारी बोर्ड की बैठक में डॉ माइकल रायन ने कहा कि शहरी और ग्रामीण इलाकों में संख्या में परिवर्तन हो सकता है लेकिन अंततः इसका अर्थ यही है कि ‘विश्व की बड़ी आबादी खतरे में है.’
Posted By: Amlesh Nandan.