चीनी शेल कंपनियों को ‘फर्जी निदेशक’ देने वाली भारतीय संस्थाओं पर कार्रवाई

कई भारतीय कंपनियां बिना पढ़े-लिखे या छोटी-मोटी नौकरियां करने वाले भारतीय नागरिकों को चीनी मुखौटा कंपनियों में निदेशक के रूप में मुहैया कराते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक छापेमारी फिलहाल जारी है.

By Pritish Sahay | September 8, 2022 7:46 PM

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) ने गुरुवार को देश के कई शहरों में चीनी मुखौटा कंपनियों को फर्जी निदेशक देने वाली भारतीय संस्थानों पर कार्रवाई की शुरुआत की है. यह कार्रवाई दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद और गुरुग्राम जैसे शहरों में हुई है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने आज कई ठिकानों पर रेड किया. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय वैसी भारतीय कंपनियों पर कार्रवाई कर रही है जो चीनी शेल कंपनियों में फर्जी निदेशक मुहैया करा रहे हैं.

कई कंपनियों पर रेड: छापेमारी करने वाली टीम का कहना है कि दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद और गुरुग्राम के कई कंपनियों पर टीम ने छापेमारी की. बता दें, इस टीम में 25 से 30 एमसीए अधिकारी है जिन्होंने छापेमारी की है. टीम का कहना है कि आगे भी रेड जारी रहेगी. बता दें, यह कार्रवाई उन भारतीय कंपनियों पर की जा रही है जो विभिन्न चीनी मुखौटा कंपनियों को फर्जी निदेशक प्रदान करते हैं.

जारी है छापेमारी अभियान: एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, टीम ने कहा कि कई भारतीय कंपनियां बिना पढ़े-लिखे या छोटी-मोटी नौकरियां करने वाले भारतीय नागरिकों को चीनी मुखौटा कंपनियों में निदेशक के रूप में मुहैया कराते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक छापेमारी फिलहाल जारी है.

गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में, ईडी ने चीनी ऋण ऐप मामले को लेकर बेंगलुरु में छह परिसरों में तलाशी अभियान चलाया था. एजेंसी ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम 2002 के प्रावधानों के तहत छापेमारी की थी. ईडी ने कहा कि रेजरपे प्राइवेट लिमिटेड, कैशफ्री पेमेंट्स, पेटीएम पेमेंट सर्विसेज लिमिटेड चीनी लोगों द्वारा संचालित और नियंत्रित किया जाता है.

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