लोकसभा में नया नेता चुनेगी कांग्रेस पार्टी, अधीर रंजन चौधरी की छुट्टी तय, 14 को सोनिया गांधी करेंगी फैसला

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस आलाकमान ने अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा में पार्टी के नेता पद से हटाने का फैसला किया है. इसका कारण यह है कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर अधीर रंजन चौधरी के रहते विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2021 9:37 PM
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नई दिल्ली : मानसून सत्र शुरू होने के पहले कांग्रेस आलाकमान लोकसभा में अपने नेता के तौर पर अधीर रंजन चौधरी की छुट्टी कर सकता है. सूत्रों के हवाले से मीडिया में खबर आ रही है कि इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 14 जुलाई को पार्टी के रणनीतिकारों की बैठक बुलाई है. इस बैठक में लोकसभा में पार्टी के नेता के नाम पर मुहर लगने के साथ ही कई मसलों पर चर्चा होने की भी खबर है.

सूत्रों के हवाले से मीडिया की खबर के अनुसार, लोकसभा में नेता के पद की दौड़ में जिन कांग्रेसी नेताओं के नाम शामिल हैं, उनमें शशि थरूर, मनीष तिवारी और गौरव गोगोई सबसे बताए रहे हैं. खबर यह भी है कि कांग्रेस लोकसभा में न केवल नेता प्रतिपक्ष को बदलेगी, वह पार्टी की चीफ व्हिप के पद भी नया चेहरा बैठा सकती है.

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस आलाकमान ने अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा में पार्टी के नेता पद से हटाने का फैसला किया है. इसका कारण यह है कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर अधीर रंजन चौधरी के रहते विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा.

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी लगातार टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के विरोध में बयान देते रहे हैं, जिसका असर चुनाव परिणामों पर भी देखने को मिला. हालांकि, इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस टीएमसी के साथ मिलकर मैदान में ताल ठोकना चाहती थी, लेकिन अधीर के अड़ियल रुख के कारण दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन नहीं हो सका था. इसका नतीजा यह रहा कि चुनाव में टीएमसी ने दमदार प्रदर्शन करते हुए 200 से अधिक सीटों पर कब्जा जमाने में सफलता हासिल की.

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अब जबकि सदन का मानसून सत्र शुरू होने वाला है और कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष विभिन्न मुद्दों पर घेरने की तैयारी कर रहा है. सूत्रों का कहना है कि लोकसभा में केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोलने के पहले कांग्रेस सांगठनिक तौर पर अहम बदलाव करना चाहती है, ताकि सरकार को घेरने के दौरान किसी भी मोर्चे पर उसे मुंह की न खानी पड़े.

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