Aditya L1 Mission : लैग्रेंजियन प्वाइंट पर बैठकर ‘कोरोना’ का राज खोलेगा आदित्य एल-1, देखें VIDEO

अब अगर हम आदित्य एल-1 के उद्देश्यों की बात करें, तो जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि भारत का पहला सूर्ययान आदित्य एल-1 सूर्य की सबसे बाहरी परत कोरोना के साथ-साथ फोटोस्फीयर और क्रोमोस्फीयर का अध्ययन करेगा.

By KumarVishwat Sen | September 2, 2023 12:13 PM
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नई दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो पीएसएलवी-सी57 के जरिए आदित्य एल-1 को लॉन्च कर दिया है. आदित्य एल-1 करीब 125 दिनों में 15 लाख किलोमीटर की दूर तय करके लैग्रेंजियन प्वाइंट पर पहुंचेगा. आदित्य एल-1 सूर्य का अध्ययन करने वाला भारत की पहली वेधशाला श्रेणी सौर मिशन है. सूर्य हमारे सौरमंडल का सबसे विशाल पिंड और दूसरा सबसे बड़ा तारा है. सूरज का गुरुत्वाकर्षण ही सौरमंडल के सभी पिंडों को उसकी तय जगह पर टिकाए रखता है. आदित्य एल-1 अपने साथ कुल सात पे-लोड्स लेकर जाएगा, जिनमें से 4 पेलोड सूर्य की निगरानी करेंगे और शेष तीन पेलोड एल1 पर कणों और क्षेत्रों का इन-सीटू अध्ययन करेंगे. ये सातों पे-लोड्स सूर्य की सबसे बाहरी परत कोरोना के साथ-साथ फोटोस्फीयर और क्रोमोस्फीयर का अध्ययन करेंगे.

अब अगर हम आदित्य एल-1 के उद्देश्यों की बात करें, तो जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि भारत का पहला सूर्ययान आदित्य एल-1 सूर्य की सबसे बाहरी परत कोरोना के साथ-साथ फोटोस्फीयर और क्रोमोस्फीयर का अध्ययन करेगा. आदित्य एल-1 सूर्य-पृथ्वी के बीच लैग्रेंजियन प्वाइंट के पास हेलो ऑर्बिट में स्थापित होने के बाद यहीं से सूर्य की सीमाओं पर नजर बनाए रखेगा और उसकी जानकारी हम तक पहुंचाएगा. सबसे बड़ी बात यह है कि आदित्य एल-1 जिस लैंगेजे के पास वाली हेलो ऑर्बिट में स्थापित होकर सूर्य की सीमाओं का अध्ययन करेगा, वहां पर किसी प्रकार के ग्रह, ग्रहण और उल्का पिंडों का प्रभाव नहीं पड़ेगा.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की वेबसाइट के अनुसार, आदित्य एल-1 मिशन के जरिए इसरो के वैज्ञानिक सौर ऊपरी वायुमंडलीय (क्रोमोस्फीयर और कोरोना) गतिशीलता का अध्ययन करेंगे. इसके साथ ही, वे क्रोमोस्फेरिक और कोरोनल हीटिंग का अध्ययन करेंगे और आंशिक रूप से आयनित प्लाज्मा की भौतिकी, कोरोनल द्रव्यमान इजेक्शन और फ्लेयर्स की शुरुआत का भी अध्ययन करेंगे. इतना ही नहीं, इस मिशन के जरिए वैज्ञानिक सूर्य से कण गतिशीलता के अध्ययन के लिए डेटा प्रदान करने वाले इन-सीटू कण और प्लाज्मा वातावरण का निरीक्षण करेंगे.

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