Delhi News: दिल्ली के पास शिकारपुर गांव में पानी से जुड़ा अजीबोगरीब मामला सामने आया है. गांव के खेतों में नजफगढ़ नाले का गंदा पानी भरने से किसानों को बोरवेल से पानी निकालकर खेती करनी पड़ती है. अब प्रशासन ने भूजल निकालने पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी किया है, जिसमें एक लाख रुपये जुर्माने और जेल की चेतावनी दी गई है. इस नोटिस ने गांव के 7,000 निवासियों की चिंताएं और बढ़ा दी हैं.
प्रशासन ने खेतों में गंदा पानी, भूजल निकालने पर रोक लगाया
शिकारपुर के करीब 450 एकड़ खेत नजफगढ़ नाले के गंदे पानी में डूबे रहते हैं, जिससे किसान बोरवेल से पानी निकालकर किसी तरह खेती करते हैं. लेकिन अब प्रशासन ने भूजल दोहन पर प्रतिबंध लगा दिया है. गांव वालों का कहना है कि इस फैसले ने उनकी आजीविका पर सीधा असर डाला है.गांव दिल्ली जल बोर्ड की सप्लाई लाइन के आखिरी छोर पर स्थित है, जहां जर्जर पाइपलाइनों के कारण पानी की सप्लाई पर्याप्त नहीं है. लोग पहले से ही पीने के पानी की भारी कमी से जूझ रहे हैं. ऐसे में खेती के लिए पानी का संकट उनकी परेशानी को दोगुना कर रहा है.
नोटिस के पीछे प्रशासनिक लापरवाही
गांव में पहुंचे नोटिस में किसी का नाम नहीं था। तहसीलदार ने माना कि यह नोटिस वापस आ जाना चाहिए था, लेकिन एक डाकिया ने इसे एक सामाजिक कार्यकर्ता को सौंप दिया. अब यह नोटिस गांववालों के लिए परेशानी का कारण बन गया है. गांव के निवासियों का कहना है कि दिल्ली सरकार ने उनके विकास पर कभी ध्यान नहीं दिया. खराब सड़कों और नजफगढ़ नाले के गंदे पानी ने पहले ही उनकी मुश्किलें बढ़ा रखी थीं. अब कानूनी कार्रवाई की धमकी ने उनके भविष्य को और अनिश्चित बना दिया है।
क्या है गांववालों की मांग
गांव वाले प्रशासन से नाले के पानी की समस्या का समाधान और पीने के पानी की सप्लाई सुनिश्चित करने की मांग कर रहे हैं. वे चाहते हैं कि उनके खिलाफ जारी नोटिस को तुरंत रद्द किया जाए और उनकी समस्याओं पर गंभीरता से ध्यान दिया जाए.
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