कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए घरेलू यात्राओं पर प्रतिबंध का फायदा या नुकसान, शोध में हुआ खुलासा
इस शोध के केंद्र में सवाल रखा गया घरेलू यात्राएं प्रतिबंधित कर देना जायज है? इस अध्ययन में जिन देशों का शामिल किया गया है उनमें भारत, चीन, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण अफ्रीका और केन्या समेत कई देशों को शामिल किया गया है.
कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर देश ही नहीं दुनियाभर में पाबंदियां लागू है. पहले संक्रमण के दौरान सख्त लॉकडाउन लगाया गया था . घरेलू यात्राओं पर भी प्रतिबंध लगाया गया. यह प्रतिबंध कितना कारगर रहा. कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में कितनी मदद मिली इसे लेकर शिकागो यूनिवर्सिटी की तरफ से एक शोध किया गया है.
इस शोध के केंद्र में सवाल रखा गया घरेलू यात्राएं प्रतिबंधित कर देना जायज है? इस अध्ययन में जिन देशों का शामिल किया गया है उनमें भारत, चीन, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण अफ्रीका और केन्या समेत कई देशों को शामिल किया गया है.
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भारत में कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान घरेलू यात्राओं पर प्रतिबंध लगाया गया था. इस प्रतिबंध के दौरान प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने घर की तरफ निकल पड़े थे. कई राज्यो ने बस चलाकर अपने यहां के मजदूरों की वापसी की कोशिश की थी.
शिकागो यूनिवर्सिटी ने शोध में पाया कि यात्राओं पर लगाया गया प्रतिबंध और हालात बिगाड़ सकता है. शोधकर्ताओं ने प्रतिबंध के बाद के आंकड़ों का अध्ययन किया इसमें पाया गया कि मुंबई में प्रवासी मजदूरों की संख्या काफी है. संक्रमण फैलने से रोकने के लिए पाबंदी लगायी गयी थी. इन आंकड़ों को मुंबई की स्थिति से बेहतर तरीके से समझा जा सकता है.
शोधकर्ताओं का मानना है कि प्रवासी मजदूरों को शहरों में कैद रखने की कोशिश ने ही संक्रमण का फैलाव किया है. प्रवासी मजदूरों का कंटोनमेंट जोन में फंसे रहना भी बड़ा कारण रहा है संक्रमण के फैलने का.