JEE Mains में गड़बड़ी: एफिनिटी एजुकेशन के दो निदेशकों समेत तीन CBI हिरासत में, कांग्रेस ने की जांच की मांग
संयुक्त प्रवेश परीक्षा मेंस (JEE Mains) की परीक्षा में कथित गड़बड़ी के आरोप में गिरफ्तार किये गये एफिनिटी एजुकेशन के निदेशकों सिद्धार्थ कृष्णा और विशंभर मणि त्रिपाटी के अलावा उसके एक कर्मचारी ऋतिक सिंह को 9 सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया है.
नयी दिल्ली: संयुक्त प्रवेश परीक्षा (Joint Entrance Exams) मेंस की परीक्षा में कथित गड़बड़ी के आरोप में गिरफ्तार किये गये एफिनिटी एजुकेशन (Affinity Education) के निदेशकों सिद्धार्थ कृष्णा और विशंभर मणि त्रिपाटी के अलावा उसके एक कर्मचारी ऋतिक सिंह को 9 सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया है. सिद्धार्थ कृष्णा और विशंभर मणि त्रिपाठी को शनिवार को कोर्ट में पेश किया गयाा, जहां से इन्हें सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया. दूसरी तरफ, कांग्रेस पार्टी ने पिछले सात सालों में हुई जेईई मेंस की परीक्षा की जांच कराने की मांग की है.
कांग्रेस पार्टी ने जेईई (JEE) में कथित धांधली के एक हालिया प्रकरण का हवाला देते हुए शनिवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज की अध्यक्षता में समिति बनाकर पिछले सात वर्षों के दौरान हुई प्रमुख प्रवेश परीक्षाओं की जांच करायी जाये. पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह भी कहा कि ‘युवाओं के भविष्य’ से खिलवाड़ के लिए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय जवाबदेह हैं.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘भाजपा की सरकारों में पेपर लीक होना पुरानी बात है. यह सिलिसला व्यापम से शुरू हुआ था और अब जेईई तक पहुंच गया है. देश के भविष्य और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है. ‘पेपर लीक सरकार’ को युवाओं को जवाब देना होगा, क्योंकि युवाओं की सीट बेची जा रही है.’
वल्लभ के मुताबिक, ‘हरियाणा के सोनीपत शहर से जेईई (मुख्य) परीक्षा पेपर लीक किये जाने का मामला सामने आया है. वहां कंप्यूटर में रिमोट एक्सेस के जरिये सवालों को कोई दूसरा हल कर रहा था. यह कक्षा 12वीं के बाद सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा है. लेकिन, 70 साल में पहली बार इसमें भी धांधली हुई है.’
CBI sends Affinity Education Directors Siddharth Krishna and Vishambar Mani Tripathi, and employee Hritik Singh to CBI custody till September 9 in connection with the alleged irregularities in JEE mains exam pic.twitter.com/lWKclSu9MH
— ANI (@ANI) September 4, 2021
उन्होंने जोर देकर कहा, ‘एनटीए का गठन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा किया गया था. हम शिक्षा मंत्री और एनटीए को सीधे जवाबदेह मानते हैं.’ गौरव वल्लभ ने कहा, ‘हमारी मांग है कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की अगुवाई में समिति बने और पिछले सात वर्षों में हुईं प्रमुख प्रवेश परीक्षाओं की जांच हो. यह पता लगाया जाये कि इन मामलों में कौन लोग शामिल थे.’
जानें पूरा मामला
सीबीआई ने जेईई मेन 2021 की परीक्षा (jee main 2021 exams) कराने में कथित गड़बड़ी के आरोप में एफनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. गुरुवार को एजेंसी ने मध्यप्रदेश के इंदौर, झारखंड के जमशेदपुर और महाराष्ट्रर के पुणे के अलावा दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में 20 ठिकानों पर छापेमारी भी की.
छापेमारी के बाद मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच टीम ने शुक्रवार को संस्थान निदेशकों और सहयोगियों समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले, एक सितंबर को सीबीआई ने इंस्टीट्यूट, इसके तीन निदेशकों सिद्धार्थ कृष्णा, विशंभर मणि त्रिपाठी और गोविंद वार्ष्णेय, उनके दलालों/ सहयोगियों और परीक्षा केंद्रों पर तैनात स्टाफ और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था.
छापामारी में कम्प्यूटर, लैपटॉप और चेक जब्त
सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर, पुणे, जमशेदपुर, इंदौर और बेंगलुरु में 20 जगहों पर की गयी छापेमारी के दौरान 25 लैपटॉप, सात कम्प्यूटर, 30 पोस्ट डेटेड चेक के अलावा कुछ अहम दस्तावेज और उपकरण भी छापामारी दल के हाथ लगे. कुछ छात्रों के पीडीसी मार्कशीट भी बरामद हुए हैं.
ऑनलाइन परीक्षा में छेड़छाड़ का आरोप
सीबीआई का आरोप है कि निदेशकों ने अन्य सहयोगियों और दलालों के साथ मिलकर जेईई मेन 2021 की ऑनलाइन परीक्षा में छेड़छाड़ की और परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थयों से बड़ी धनराशि (12 से 15 लाख रुपये) लेकर उनके प्रश्न – पत्र हल करवाये. इसके लिए आरोपियों ने हरियाणा के सोनीपत में एक परीक्षा केंद्र को चुना था.
Posted By: Mithilesh Jha