अफगानिस्तान में बढ़ते तालिबान और मौजूदा हिंसा के लिए पाकिस्तान ने अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अमेरिका को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, अमेरिका ने तालिबान को सही तरीके से हैंडल नहीं किया. तालिबान के लोग आम नागरिक हैं उनका कोई बड़ा मिलिट्री बेस नहीं है.
अमेरिका की मौजूदगी ने वहां के हालात को और खराब कर दिया, सब गड़बड़ कर दिया. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ये बातें अमेरिकी चैनल को दिये एक इंटरव्यू में कही है. इस इंटरव्यू का प्रसारण पाकिस्तान में मंगलवार रात किया गया. अफगानिस्तान के मौजूदा हालात की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, अफगानिस्तान की समस्या का हल नहीं सेना के जरिये नहीं निकाला जा सकता .
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इमरान खान ने कहा, मैं पहले से इस पर जोर देता रहा हूं. मेरी इस सलाह को कई बार अमेरिका विरोधी और तालिबान समर्थन के रूप में देखा गया. जब तक अमेरिका को इस बात अहसास हुआ तबतक बहुत देर हो चुकी थी. एक वक्त था जब अफगानिस्तान में अमेरिका के 10 हजार से ज्यादा सैनिक थे. सही मायनों में ये ही वह वक्त था, जब अमेरिका को तालिबान से समझौता करना चाहिए था. राजनीतिक समझौता ही अफगानिस्तान के भविष्य के लिए बेहतर है. यही एकमात्र रास्ता भी है. सच यह है कि अब तालिबान अफगानिस्तान की सरकार में शामिल रहेगा.
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तालिबान को लेकर पाकिस्तान के समर्थन और फंडिंग के आरोप पर पाकिस्तान ने कहा, यह बिल्कुल गलत आरोप है. अल कायदा ने जब अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला किया तो इसमें किसी भी पाकिस्तानी नागरिक का हाथ नहीं था. तालिबान और अफगानिस्तान के बीच की लड़ाई का असर पाकिस्तान के 70 हजार से ज्यादा पाकिस्तानी नागरिक की मौत हुई है. युद्ध से पाकिस्तान को 150 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है. अगर हालात बिगड़ते हैं तो इसका पूरा असर पाकिस्तान पर पड़ेगा.