तिरुवनंतपुरम : केरल में सरकार ने मानसून से जुड़ी बीमारियों से निपटने के लिए बुखार के संबंध में नये नियम जारी किए हैं. वहीं राज्य कोविड-19 महामारी के खिलाफ भी अपनी लड़ाई जारी रखे हुए है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि मानसून ने सोमवार को राज्य में दस्तक दे दी है. मानसून के साथ ही देश में चार महीने वाले बारिश के मौसम की शुरुआत हो जाती है. इस मानसून से जून से सितंबर के बीच देश में 75 फीसदी तक बारिश होती है.
स्वास्थ्य सेवा निदेशालय द्वारा रविवार को अपनी वेबसाइट पर जारी ताजा चिकित्सीय रिपोर्ट के अनुसार 30 मई को बुखार के कम से कम 2,660 मामले आये हैं और पूरे मई में 65,039 बुखार के मामले सामने आये. राज्य सरकार ने मानसून के मौसम में बुखार के मामलों में बढ़ोतरी की आशंका जताई है.
स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, सामान्य की तरह ही इस साल भी मानसून में बुखार के मामले बढ़ने की आशंका है. इसके साथ ही डेंगू बुखार, चिकुनगुनिया और लेप्टोस्पाइरोसिस के मामले भी बढ़ सकते हैं. राज्य सरकार कोरोना वायरस से लड़ाई के साथ ही इन बीमारियों से निपटने के लिए नयी योजना लेकर आई है.
निदेशालय ने कहा कि 30 मई को डेंगू के 12 मामलों की पुष्टि हुई जबकि पूरे मई में 295 मामले सामने आए हैं. वहीं मई में चिकुनगुनिया के कम से कम सात मामलों की पुष्टि हुई. इसी तरह से राज्य में पिछले महीने लेप्टोस्पाइरोसिस के 83 मामलों की पुष्टि हुई. राज्य सरकार ने बुखार के संबंध में संशोधित नियम जारी किए हैं और इस सूची में बुखार वाली बीमारियों में कोविड-19 का नाम भी शामिल किया है.
इस संशोधित नियम के तहत केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि जो लोग बुखार की शिकायत के साथ अस्पताल आ रहे हैं, उन्हें अस्पताल के प्रवेश द्वार पर ही अलग किया जाये और उनके बैठने की अलग व्यवस्था की जाये. विजयन ने कहा, कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई के दौरान बरसात के मौसम में होने वाली बीमारियों पर नियंत्रण करना बेहद जरूरी है.
डेंगू, लेप्टोस्पाइरोसिस और एचवनएनवन को रोकने के लिए विशेष ध्यान और देखरेख की जरूरत है जिनमें बुखार मुख्य लक्षणों में से एक है.
Posted By : arbind kumar mishra