मौत के बाद भिखारी के घर की तलाशी में मिला दो संदूकों में भरा ढेर सारा पैसा, अभिनेत्री दीपिका पादुकोण से भी ले चुके थे भेंट
एस श्रीनिवासन साल 1980 से यहां रह रहे थे. जब इस इलाके को और विकसित करने की योजना बनी तो साल 2008 में उन्हें घर दे दिया गया. उनके निधन के बाद यह देखा गया कि कुछ लोग उनके घर पर कब्जा करने में लगे हैं. इसके बाद प्रशासन एक्टिव हुआ औऱ उनके घर की तलाशी का फैसला लिया.
साल 2020 में कोरोना संक्रमण की वजह से 64 साल के एस. श्रीनिवासन की मौत हो गयी.तिरुपति बाला जी मंदिर में भीख मांगने वाले भिखारी की जब घर की तलाशी ली गयी, तो वहां से दो संदूको में भरे ढेर सारे पैसे मिले. श्रीनिवासन अभिनेत्री दीपिका पादुकोण से भी भेंट ले चुके हैं. दीपिका जब यहां दर्शन के लिए आयी थी तो श्रीनिवासन उनके पीछे पीछे गए और दक्षिणा लेकर ही माने थे.
Also Read: ब्लैक फंगस बीमारी के क्या है लक्षण, किनको है ज्यादा खतरा और क्या है इससे बचे रहने के उपाय ?
एस श्रीनिवासन साल 1980 से यहां रह रहे थे. जब इस इलाके को और विकसित करने की योजना बनी तो साल 2008 में उन्हें घर दे दिया गया. उनके निधन के बाद यह देखा गया कि कुछ लोग उनके घर पर कब्जा करने में लगे हैं. इसके बाद प्रशासन एक्टिव हुआ औऱ उनके घर की तलाशी का फैसला लिया.
श्रीनिवासन के परिवार में उसके निधन के बाद कोई सामने नहीं आया जो उनकी संपत्ति पर दावा पेश करता. उनके घर की तलाशी ली गयी . यहां दो संदूकों में भरा हुआ पैसा प्रशासन के हाथ लगा. पुलिस को यहां से लगभग 6,15,050 रुपये मिले साथ ही 25 किलो की वजह का सिक्का भी बरामद किया गया.
Also Read: प्लाज्मा थेरेपी के बाद अब रेमडेसिविर के इस्तेमाल पर भी लग सकती है रोक
भगवान का यह धाम सबसे ज्यादा चढ़ावा पाने के लिए भी फेमस है. तिरुपति बाला जी मंदिर में श्रीनिवासन की पहचान अलग थी . दो बड़े संदूकों में भारी रकम मिलने के बाद जिला प्रशासन कोषागार में ले गयी ले लिया है. श्रीनिवासन वीआईपी भक्तों का पीछा तबतक नहीं छोड़ते थे जबतक की उनके माथे पर तिलक लगा कर भेंट ना मिले.
उनके निधन के बाद जब पड़ोसियों को लगा कि उनके घर पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है, तो इसकी सूचना टीटीडी के अधिकारियों और पुलिस को दी गयी. अधिकारियों ने जब श्रीनिवासन के घर की तलाशी ली तो इतनी बड़ी राशि देखकर वो भी हैरान रहे गये. श्रीनिवासन का स्वभाव बेहद विनम्र था वो सबसे बड़े प्यार से बात करते थे लेकिन किसी को भी उन्हें देखकर यह नहीं लगता था कि इनके पास लाखों रुपये होंगे.