India China War : जहां एक ओर एलएसी पर तनाव जारी, वहीं दूसरी ओर भारत और चीन के बीच उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के अरुणाचल प्रदेश के हालिया दौरे पर को लेकर शब्दों के वार चल रहे हैं. भारत ने चीन की आपत्ति को सिरे से खारिज कर दिया और जोर देते हुए कहा कि यह राज्य भारत का ‘अटूट और अभिन्न’ हिस्सा है तथा इस तरह की प्रतिक्रिया भारतीयों की समझ से परे है.
चीन की आपत्तियों को खारिज करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यह भी कहा कि भारत उम्मीद करता है कि चीनी पक्ष पूर्वी लद्दाख में शेष मुद्दों का तेजी से समाधान करने के लिए काम करेगा. उन्होंने पर्वतीय क्षेत्र में यथास्थिति में बदलाव करने की चीन की एकतरफा कोशिशों का हवाला देते हुए यह कहा. बागची ने कहा कि हमने चीन के आधिकारिक प्रवक्ता की टिप्पणी को देखा है. हम ऐसे बयानों को खारिज करते हैं. अरुणाचल प्रदेश भारत का अटूट और अभिन्न हिस्सा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के सप्ताहांत में अरुणाचल प्रदेश दौरे पर चीन के विदेश मंत्रालय की आपत्ति के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि भारतीय नेता नियमित रूप से अरुणाचल प्रदेश का दौरा करते हैं, जिस तरह वे भारत के अन्य राज्यों में जाते हैं. उन्होंने कहा कि भारत के एक राज्य की भारतीय नेताओं द्वारा यात्रा पर आपत्ति करने का कोई कारण भारतीयों को समझ नहीं आ रहा.
Also Read: Today NewsWrap: पढ़ें गुरूवार की बड़ी खबर, आर्यन की जमानत पर आज सुनवाई
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने बीजिंग में एक मीडिया ब्रीफिंग में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के अरुणाचल प्रदेश के हालिया दौरे पर पूछे गए एक सवाल पर कहा कि चीन ने इसे कभी मान्यता नहीं दी है. उन्होंने कहा कि सीमा मुद्दे पर चीन की स्थिति अडिग और स्पष्ट है. चीन सरकार ने कभी भी भारतीय पक्ष द्वारा एकतरफा और अवैध रूप से स्थापित तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी है एवं वह भारतीय नेता के संबंधित क्षेत्र के दौरे का कड़ा विरोध करता है.
लिजियान ने कहा कि हम भारतीय पक्ष से चीन की प्रमुख चिंताओं का ईमानदारी से सम्मान करने और ऐसी किसी कार्रवाई से बचने का आग्रह करते हैं जिससे सीमा मुद्दा और जटिल तथा विस्तारित हो एवं जो आपसी विश्वास और द्विपक्षीय संबंधों को कमतर करे. उन्होंने कहा कि इसके बजाय इसे चीन-भारत सीमा क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के लिए वास्तविक ठोस कार्रवाई करनी चाहिए तथा द्विपक्षीय संबंधों को वापस पटरी पर लाने में मदद करनी चाहिए.
चीन भारतीय नेताओं के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर आपत्ति जताता है. चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है.दोनों पक्षों की ओर से यह जुबानी जंग पूर्वी लद्दाख में 17 महीने से भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध को दूर करने के लिए भारत और चीन के बीच 13वें दौर की सैन्य वार्ता के तीन दिन बाद आयी है.
Posted By : Amitabh Kumar