नई दिल्ली : निर्भया के दोषियों को सजा मिलने के बाद उनकी मां आशा देवी ने कहा कि आज उनकी बेटी दुनिया में नहीं हैं पर आज के बाद देश की बेटी सुरक्षित महसूस करेगी. आशा देवी कहती हैं कि आज उनकी बेटी के नाम से उन्हें दुनिया जानती है. निर्भया कि मां ने अपने वकील के साथ-साथ देशवासियों को भी बधाई दी की उनके कारण ही उनकी बेटी को इंसाफ मिला. उनकी बेटी ने जब दुनिया को अलविदा कहा था, उस वक्त से देशवासियों ने हमेशा से उनका मनोबल बढ़ाया है.
गौरतलब हो कि निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले में दिल्ली की एक अदालत द्वारा चार दोषियों में से तीन की याचिका खारिज किए जाने के बाद निर्भया की मां ने गुरुवार को कहा था कि उसकी बेटी की आत्मा को अब शांति मिलेगी.
इसके अलावा निर्भया के पिता ने भी दोषियों को फांसी दी जाने पर अपनी भावना व्यक्त की. उन्होंने कहा कि उन्हें आज भी वो दिन याद है जब उनकी बेटी ने सिंगापुर के अस्पताल में दम तोड़ा था, और आज करीब सात साल के बाद उनकी बेटी के कातिलों को फांसी सजा मिली है, यह उनके लिए बहुत बड़ी बात है.
तिहाड़ जेल के बाहर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. लोगों ने खुशी में तालियां बजाई और निर्भया जिंदाबाद के नारे लगाए. फांसी के बाद अब चारों दोषियों को करीब आधे घंटे से चालीस मिनट तक फांसी घर के कुएं में ही लटका कर रखा गया. फिलहाल निर्भया के दोषियों को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया है. इसके बाद चारों दोषियों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल ले जाया जाएगा.
दोषियों को फांसी दिए जाने से पहले यहां तिहाड़ जेल के बाहर भीड़ जुटी. दिल्ली के स्थानीय लोग, कुछ एक्टिविस्ट इस वक्त जेल के बाहर खड़े दिखाई दिए और 20 मार्च के इस दिन को निर्भया के लिए सच्ची श्रद्धाजंलि बताई. दोषियों के फांसी पर लटकाए जाने के बाद यहां पर कई लोगों ने जश्न भी मनाया और मिठाई भी बांटी.
2012 के 16 दिसंबर को देश कि राजधानी नई दिल्ली में 23 वर्षीय मेडिकल छात्रा के साथ छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया. इस हादसे के बाद करीब 16 दिनों बाद निर्भया की मृत्यु हो गई थी. निर्भया के साथ सामूहिक दुर्ष्कम के मामले में सारे दोषियों को गिरफ्तार कर लिया गया था. इनमें से एक किशोर था और किशोर न्याय बोर्ड द्वारा उसे दोषी ठहराया गया था. उन्होंने एक सुधार गृह में तीन साल की सेवा की और उन्हें छोड़ दिया गया.
बाद में पांत में से एक दोषी ने जेल में आत्महत्या कर ली। चार अन्य लोगों को एक ट्रायल कोर्ट ने दोषी ठहराया और मौत की सजा सुनाई। चार लोगों को दी गई सजा और मृत्युदंड को दिल्ली उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने बरकरार रखा।.
पिछले कुछ महीनों में चार दोषियों द्वारा याचिका दायर किए जाने की सुगबुगाहट देखी गई। अपनी दलीलों में, दोषियों ने उच्चतम न्यायालय को अपनी मौत की सजा की समीक्षा करने के लिए कहा. अदालत ने सभी दलीलों को खारिज कर दिया. दोषियों ने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दायर की . राष्ट्रपति ने सभी दया याचिकाओं को खारिज कर दिया.
पिछले 24 घंटों में, चारों दोषियों में से कुछ ने फिर से विभिन्न अदालतों का रुख किया और उन्हें मृत्युदंड से राहत दी. सभी अदालतों, जिसमें दिल्ली में पटियाला हाउस कोर्ट, दिल्ली उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट शामिल थे, ने हस्तक्षेप करने और फांसी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.