Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियां तैयारी कर रही है. विपक्षी गठबंधन जहां एक ओर सबको एकजुट करने में जुटी हुई है वहीं, बीजेपी अपने वादों में से एक समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने के दावे के साथ 2024 के लोकसभा चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही है. अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने के पहले से ही पूरे किए गए वादों के साथ, यूसीसी दशकों से पार्टी के चुनावी घोषणापत्र का हमेशा से हिस्सा रहा है.
सूत्रों ने कहा कि उत्तराखंड सरकार जनवरी में यूसीसी लागू करने के लिए तैयार है और इसका मसौदा देश के बाकी हिस्सों के लिए पार्टी का खाका होगा. पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि यह विषय संविधान की समवर्ती सूची में है और इसलिए, केंद्र पूरे देश में कानून लागू नहीं करेगा बल्कि इसे राज्यों पर छोड़ देगा कि वे अपना खुद का मसौदा तैयार करें. पदाधिकारी ने कहा, “हालांकि, हमारी पार्टी उन 10 राज्यों में यूसीसी लागू करने के लिए प्रतिबद्ध और स्पष्ट है, जहां उसकी अपनी सरकारें हैं.”
उत्तराखंड में इसकी भूमिका कैसी है, इसकी समीक्षा करने के बाद, भाजपा का लक्ष्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, महाराष्ट्र, असम, त्रिपुरा और मणिपुर में यूसीसी को लागू करना है. पदाधिकारी ने जानकारी देते हुए यह भी कहा कि हम लोगों के पास जाएंगे और उन्हें समझाएंगे कि कानून सभी नागरिकों के लिए एक समान होना चाहिए और धर्म एक मानदंड नहीं होना चाहिए.” उन्होंने विश्वास जताया कि जब लोग सकारात्मक प्रतिक्रिया देंगे तो यूसीसी का विरोध करने वाले खुद को दुविधा में पाएंगे.
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पार्टी पदाधिकारी ने कहा कि कानून पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया इसे आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होगी और आवश्यक परिवर्तनों या सुधारों को समझने में भी मदद करेगी. उन्होंने कहा, “हमें स्थानीय परंपराओं के प्रति संवेदनशील होना होगा लेकिन शादियों में एकरूपता होगी. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में संवाददाताओं से कहा था, “हमने यूसीसी पर एक समिति बनाई है और इसकी रिपोर्ट अगले महीने आने की उम्मीद है. एक बार जब हमें रिपोर्ट मिल जाएगी, तो यूसीसी को बिना किसी देरी के राज्य में लागू किया जाएगा.”