Shimla Masjid controversy: हिमाचल प्रदेश के शिमला में संजौली मस्जिद विवाद के बाद अब मंडी में भी मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर विवाद छिड़ गया है. शुक्रवार 13 सितंबर को बड़ी संख्या में हिंदू समाज के लोग इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद की ओर बढ़ने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की हुई है.
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प्रशासन द्वारा मंडी के 7 वार्डों में धारा 163 (पहले धारा 144) लागू करने के बावजूद, सुबह 11 बजे से प्रदर्शनकारी सेरी मंच के पास जमा होकर नारेबाजी कर रहे हैं. पुलिस ने मस्जिद स्थल पर कड़ा पहरा लगा रखा है और बैरिकेडिंग की गई है. जब प्रदर्शनकारी बैरिकेड पर चढ़ने लगे, तो पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया, जिसके कारण कुछ जगह धक्का-मुक्की भी हुई. मौके पर डीसी और एसपी भी मौजूद हैं और स्थिति को नियंत्रण में रखने की कोशिश की जा रही है. समाचार लिखे जाने तक प्रदर्शनकारी वहीं डटे हुए हैं.
मंडी की यह मस्जिद लगभग तीन दशक पुरानी है और लोक निर्माण विभाग की जमीन पर अवैध रूप से सुरक्षा दीवार बनाई गई थी, जिससे स्थानीय लोग नाराज हैं. शिमला के संजौली प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए, मुस्लिम समुदाय के लोगों ने खुद ही मस्जिद की अवैध दीवार को गिराना शुरू कर दिया है. यह मामला नगर निगम मंडी की कोर्ट में लंबित है. शुक्रवार को कोर्ट ने मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने के आदेश दिए हैं और मुस्लिम पक्ष को एक महीने के भीतर अपील करने का समय दिया है.
मंडी एसपी ने क्या कहा? (Mandi Mosque controversy)
एसपी मंडी साक्षी वर्मा का कहना है, “कानून व्यवस्था बनाए रखी जाएगी. विभिन्न स्रोतों से हमें जानकारी मिली है कि कुछ संगठनों ने यहां इकट्ठा होने का आह्वान किया है. 300 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है और मंडी शहर के प्रवेश द्वार पर पुलिस नाके लगाए गए हैं.” निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर भारतीय न्याय संहिता 163 (BNS) के तहत कार्रवाई की जायेगी.