किसानों के देश में रेल चक्का जाम के एलान के बाद रेलवे प्रशासन सतर्क, सुरक्षा चार्ट तैयार, सख्ती से निबटने की पूरी तैयारी
Rail stop campaign, Kisan Ekta Morcha, 18 February : नयी दिल्ली : नये कृषि कानून का विरोध कर रहे किसानों ने आंदोलन को नयी धार देते हुए रेल रोकने का एलान किया है. किसान एकता मोर्चा ने बताया है कि 18 फरवरी को पूरे देश में रेल चक्का जाम किया जायेगा. रेल रोकने का कार्यक्रम 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक होगा.
नयी दिल्ली : नये कृषि कानून का विरोध कर रहे किसानों ने आंदोलन को नयी धार देते हुए रेल रोकने का एलान किया है. किसान एकता मोर्चा ने बताया है कि 18 फरवरी को पूरे देश में रेल चक्का जाम किया जायेगा. रेल रोकने का कार्यक्रम 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक होगा.
संयुक्त किसान मोर्चा के एलान के बाद रेलवे प्रशासन सजग हो गया है. अधिकारियों ने मामले की रिपोर्ट स्थानीय अधिकारियों से मांगी है. साथ ही राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के साथ स्थानीय अधिकारियों से बिंदुवार रिपोर्ट भेजने को कहा है.
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्थानीय अधिकारियों से सुरक्षा चार्ट तैयार करने का निर्देश दिया है. साथ ही रेलवे ने जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान रेलवे को हुए नुकसान के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए जीआरपी ने अर्धसैनिक बलों की मांग की है.
किसानों के रेल रोको आंदोलन को लेकर रेलवे प्रशासन के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन भी सुरक्षा की रणनीति बनाने में जुट गया है. साथ ही रेलवे मुख्यालय ने स्टेशन अधीक्षकों से ट्रेनों क आवागमन की स्थिति और सफर करनेवाले औसत यात्रियों की संख्या के बारे में जानकारी मांगी है.
जानकारी के मुताबिक, आरपीएफ और जीआरपी ने सुरक्षा चार्ट मुख्यालय को भेज दिया है. रेल रोकने और ट्रैक जाम करने के संभावित ठिकानों को चिह्नित कर सुरक्षा कड़ी की जा रही है. ट्रैक की निगरानी के लिए मोबाइल टीम गठित कर दी गयी है.
जीआरपी एसएचओ के मुताबिक, रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी गयी है. रिपोर्ट में जाट आरक्षण आंदोलन के समय की स्थिति की भी जानकारी दी गयी है. सुरक्षा का प्लान तैयार कर लिया गया है. साथ ही अर्धसैनिक बलों की मांग की गयी है.
मालूम हो कि साल 2016 की फरवरी में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के सोनीपत के राजलूगढ़ी में आंदोलनकारी रेल रोकते हुए पटरी को उखाड़ दिया था. इससे कई ट्रेनों का परिचालन ठप हो गया था.