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छत्तीसगढ़ नक्सली हमले की जानकारी के बाद अमित शाह ने रद्द किया असम दौरा.
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अमित शाह ने आला अधिकारियों के साथ की हाई लेवल मीटिंग, बनाया प्लान.
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शाह ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह बघेल से फोन पर बात की.
नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के हमले (Chhattisgarh Naxal Attack) में सुरक्षा बल के 22 जवानों के मारे जाने की घटना के मद्देनजर राज्य में सुरक्षा हालात की समीक्षा के लिए रविवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया ब्यूरो के निदेशक अरविंद कुमार, गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने बैठक में हिस्सा लिया. मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्री ने छत्तीसगढ़ में सुरक्षा हालात की समीक्षा के लिए बैठक की. शनिवार को नक्लियों के हमले में सुरक्षा बल के कम से कम 22 जवान शहीद हो गये.
पांच जवानों के शव शनिवार को और 17 जवानों के शव रविवार को बरामद हुए. घटना की जानकारी मिलने पर शाह ने असम का चुनावी दौरा बीच में ही समाप्त किया और दिल्ली पहुंच गये. गृह मंत्री ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बातचीत करके हालात का जायजा लिया. शहीद हुए जवानों में सीआरपीएफ की कोबरा यूनिट, डिस्ट्रिक रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और विशेष कार्य बल के जवान शामिल थे.
छत्तीसगढ़ में हल्की मशीन गन (एलएमजी) से लैस करीब 400 नक्सलियों के एक समूह ने विशेष अभियान के लिए तैनात सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला किया जिसमें कम से कम 22 जवान शहीद हो गये और 30 अन्य घायल हो गये. सीआरपीएफ के महानिदेशक ने बताया कि नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के उस दल पर देश में बने अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर (यूबीजीएल) से गोले दागे जो एक अभियान के बाद जोगागुंडम से लौट रहा था. उन्होंने कहा कि ग्रेनेड अचानक दागे गए. हालांकि, जल्द ही स्थिति को नियंत्रित किया गया और जवाब में ग्रेनेड दागे गये. लेकिन नक्सली घात लगाकर लगातार फायरिंग करते रहे.
उन्होंने बताया कि इस अभियान के लिए सुरक्षा बलों के जवानों की कुल स्वीकृत संख्या 790 थी और बाकी को सहायक के रूप में साथ लिया गया था. सबसे वांछित माओवादी कमांडर एवं तथाकथित ‘पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन नंबर 1 के नेता ‘हिडमा’ और उसकी सहयोगी सुजाता के नेतृत्व में कम से कम 400 नक्सलियों ने उस क्षेत्र में सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला किया जिसे दुर्गम, घने जंगल और सुरक्षा बलों के शिविरों की कम संख्या के चलते नक्सलियों का गढ़ माना जाता है. अधिकारियों ने बताया कि इस मुठभेड़ में शहीद हुए 22 जवानों में सीआरपीएफ के आठ जवान शामिल हैं. जिसमें से सात कोबरा कमांडो से जबकि एक जवान बस्तरिया बटालियन से है.
सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप सिंह ने कहा कि नक्सली हताश हैं क्योंकि सुरक्षा बलों के शिविर राज्य के दूरदराज के इलाकों में स्थापित किये गये हैं और इस प्रक्रिया से उनके खिलाफ और अधिक गंभीर अभियान शुरू करने में तेजी आयेगी. उन्होंने कहा कि हर घटना से सबक सीखा जाता है और वे देखेंगे और विश्लेषण करेंगे. नक्सलियों द्वारा क्या परिवर्तन लाया गया है ताकि उनका प्रभावी ढंग से मुकाबला किया जा सके. उन्होंने कहा कि नक्सली सोचते हैं कि यदि वे हमें अधिक नुकसान पहुंचायेंगे तो वे हमें रोक सकते हैं और हम नयेशिविर स्थापित नहीं करेंगे. लेकिन ऐसा नहीं होगा.
भाषा इनपुट के साथ
Posted By: Amlesh Nandan.