21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

TS Singh Dev के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए नयी समस्या खड़ी कर सकता है साहू समाज, जानिए इनकी डिमांड

साल 2018 में जब कांग्रेस ने अपने दम पर बहुमत हासिल किया था तब सीएम की रेस में कई बड़े नाम शामिल थे. इनमें गांधी परिवार ने भूपेश बघेल पर अपना दांव खेला था. सीएम की दौड़ में जो अन्य नेता शामिल थे उन्हें किसी से किसी तरह से शांत रखने की पूरी कोशिश की गयी थी.

Chhattisgarh: टीएस सिंह देव सीएम भूपेश बघेल के लिए हमेशा से ही एक सिरदर्द रहे हैं. इसी बीच कांग्रेस ने अब विधानसभा चुनाव से पहले सीनियर नेता सिंह देव को उपमुख्यमंत्री बनाकर संतुष्ट कर लिया है, लेकिन सिंह देव की तरह लंबे समय से इंतजार कर रहे एक नेता के कारण उसे दूसरे मोर्चे पर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. अब एक नये नेता ने भी सिंह देव की तरह ही अपना सिर उठाना शुरू कर दिया है. माना जा रहा है कि, अगर गांधी परिवार ने इन्हें नजरअंदाज किया तो छत्तीसगढ़ में होने वाले असेंबली इलेक्शंस में इनके लिए बड़ी मुसीबतें खड़ी हो सकती हैं.

कांग्रेस ने अपने दम पर हासिल किया बहुमत

साल 2018 में जब कांग्रेस ने अपने दम पर बहुमत हासिल किया था तब सीएम की रेस में कई बड़े नाम शामिल थे. इनमें गांधी परिवार ने भूपेश बघेल पर अपना दांव खेला था. सीएम की दौड़ में जो अन्य नेता शामिल थे उन्हें किसी से किसी तरह से शांत रखने की पूरी कोशिश की गयी थी. इन्हीं नेताओं में से एक थे ताम्रध्वज साहू. जानकारी के लिए बता दें छत्तीसगढ़ में ओबीसी कम्युनिटी में साहू समाज की काफी बड़ी हिस्सेदारी है. पहले ये बीजेपी के साथ थे लेकिन साल 2018 में कांग्रेस के साथ आ गए थे.

ताम्रध्वज को दिए गए कई अहम मंत्रालय

साहू समुदाय से बैर करना काफी महंगा पड़ सकता है इस बात का अंदाजा हाई कमांड को पहले से था. ऐसा न हो इसलिए ताम्रध्वज को गृह के साथ ही तीन अन्य अहम मंत्रालय दिए गए थे. टीएस सिंह देव को स्वास्थ्य के साथ पंचायत की जिम्मेदारी दी गयी तो वहीं, सीएम पद के लिए एक अन्य उम्मीदवार चरणदास महंत को स्पीकर बनाकर साधने की कोशिश की गयी. अपने कार्यकाल के दौरान टीएस सिंह देव किसी न किसी तरह से बघेल के लिए मुसीबतें खड़ी करते रहें. इसी बीच आगामी चुनावों को देखते हुए हाई कमांड ने टीएस सिंह देव को डिप्टी सीएम बनाकर उन्हें शांत तो कर दिया लेकिन, एक अन्य को जन्म दे दिया.

बीजेपी उठाना चाहती है फायदा

बीजेपी इस बात का पूरा फायदा उठाना चाहती है. पार्टी के छात्र विंग के नेता अमित साहू ने मामले पर बात करते हुए बताया कि, साहू समाज ने साल 2018 में कांग्रेस को वोट दिया था. क्योंकि उन्हें भरोसा था कि ताम्रध्वज सीएम बनने वाले हैं. साल 2014 में मोदी की लहर के बीच ताम्रध्वज इकलौते ऐसे नेता थे जो लोकसभा चुनाव जजीत सके थे. साल 2018 असेंबली चुनावों में कांग्रेस ने 7 साहू नेताओं को टिकट दिए थे जिनमें से 4 में उन्हें जीत मिली थी. वहीं, बीजेपी ने 11 टिकट्स दिए थे लेकिन, उसे केवल एक में ही जीत मिली.

साहू समाज के नेता का क्या है कहना

साहू समाज के एक नेता ने कहा कि, ताम्रध्वज अब काफी बुजुर्ग हो गए हैं. वक़्त के लिहाज से यह जरुरी है कि, साहू नेता को आगे बढ़ाया जाए. इस तरह के नेता को पीसीसी चीफ भी बनाया जा सकता है. पीसीसी चीफ के तौर पर मोहन मरकम का कार्यकाल अब वैसे भी अपने अंतिम चरण में हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें