5 जून को ‘संपूर्ण क्रांति दिवस’ मनाएंगे आंदोलनकारी किसान, भाजपा सांसद और विधायकों के दफ्तरों के आगे करेंगे प्रदर्शन

5 जून 2020 को संसद से पास तीन कृषि कानूनों को लागू करने के लिए अध्यादेश जारी करने के बाद पिछले साल के सितंबर महीने में राष्ट्रपति ने अपनी मुहर लगाई थी. इन तीन कृषि कानूनों को वापस लिये जाने और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर देश के हजारों किसान पिछले साल नंवबर से ही दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 29, 2021 10:11 PM
an image

नई दिल्ली : भारत की संसद से पारित तीन कृषि कानूनों को लागू करने का अध्यादेश 5 जून 2020 को जारी किया गया था. इन तीन कृषि कानूनों के विरोध में बीते कई महीनों से आंदोलनकारी किसानों ने 5 जून 2021 को अध्यादेश लागू होने के एक साल पूरा होने के दिन संपूर्ण क्रांति दिवस मनाएंगे. आंदोलनकारी किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार को ऐलान किया है कि आंदोलनकारी किसान आगामी 5 जून को भाजपा के सांसद और विधायकों के दफ्तरों के आगे तीन कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर प्रदर्शन करेंगे.

बता दें कि 5 जून 2020 को संसद से पास तीन कृषि कानूनों को लागू करने के लिए अध्यादेश जारी करने के बाद पिछले साल के सितंबर महीने में राष्ट्रपति ने अपनी मुहर लगाई थी. इन तीन कृषि कानूनों को वापस लिये जाने और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर देश के हजारों किसान पिछले साल नंवबर से ही दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं.

आंदोलन में शामिल 40 से ज्यादा किसान संगठनों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि 5 जून 1974 को जयप्रकाश नारायण ने संपूर्ण क्रांति की घोषणा की थी और तत्कालीन केंद्र सरकार के खिलाफ जनांदोलन शुरू किया था. पिछले साल सरकार ने 5 जून को ही अध्यादेश के तौर पर किसान विरोधी कानूनों को लागू किया था.

किसान संगठन ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने 5 जून को देशभर में संपूर्ण क्रांति दिवस मनाने का फैसला किया है. हम नागरिकों से भाजपा सांसदों, विधायकों और प्रतिनिधियों के कार्यालयों के सामने तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाने की अपील करते हैं. इसे जनांदोलन बनाया जाए और सरकार को कृषि कानून वापस लेने के लिए मजबूर किया जाए.

प्रदर्शनकारी किसानों ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी और कृषि, किसानों और गांवों के विकास में उनके योगदान को याद किया. संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार, पंजाब के दोआबा से किसानों का एक बड़ा जत्था शनिवार को सिंघू बॉर्डर पर पहुंचा है और आगामी दिनों में कई और किसानों के आंदोलन से जुड़ने की संभावना है.

Also Read: पीएम मोदी का बड़ा ऐलान : महामारी में माता-पिता खोने वाले बच्चों को 10 लाख रुपये देगी सरकार, शिक्षा और हेल्थ इंश्योरेंस फ्री

Posted by : Vishwat Sen

Exit mobile version