Agnipath Scheme: अग्निपथ स्कीम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल, जानें क्या है मांगें
Agnipath Scheme: सेना में नई भर्ती योजना 'अग्निपथ' को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है. अब इस स्कीम का विरोध सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर पहुंच गया.
Agnipath Sceme: अग्निपथ योजना को देखने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का अनुरोध सुप्रीम कोर्ट में किया गया है. सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज को इस बारे में कमेटी बनाने को कहा गया है. इसके अलावा, अग्निपथ विरोधी प्रदर्शनों के कारण देश भर में भड़की हिंसा की जांच के लिए एक विशेष जांच दल या एसआईटी का गठन किया जाए. विरोध प्रदर्शनों ने रेलवे सहित विभिन्न सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट कर दिया है. यह याचिका अधिवक्ता विशाल तिवारी ने शीर्ष अदालत में एक जनहित याचिका में दायर की थी.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है अर्जी
कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया है कि इस कमेटी का चेयरमैन सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस को बनाया जाना चाहिए. कमेटी की ओर से यह समीक्षा होनी चाहिए कि यह भर्ती स्कीम सेना और देश की सुरक्षा पर क्या असर डालेगी. इसके बाद ही इसे लागू करने पर विचार किया जाना चाहिए. इसके साथ ही अर्जी में स्कीम के विरोध में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों की भी एसआईटी जांच की मांग की गई है.
अर्जी में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट एसआईटी के गठन का आदेश जारी करे. यह कमेटी पता लगाए कि हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को कितना नुकसान पहुंचा है. आपको बता दें कि अग्निपथ स्कीम का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है. आज बिहार में प्रदर्शनकारियों ने बंद बुलाया था.
कांग्रेस ने ऐलान किया है कि उसके सभी सांसद, कार्यसमिति के सदस्य और पार्टी के अन्य तमाम पदाधिकारी जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे. रविवार को कांग्रेस के नेता जुटेंगे. इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने संयुक्त रोजगार समिति के प्रदर्शन के समर्थन का ऐलान किया है. जंतर मंतर पर यह प्रदर्शन किया जाएगा.
केंद्रीय गृह मंत्री ने कही ये बात
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) और असम राइफल्स (Assam Rifles) की भर्ती में अग्निवीरों को आरक्षण मिलेगा. उन्होंने कहा कि इन अर्धसैनिक बलों में अग्निवीरों को वरीयता दी जाएगी. अग्निपथ योजना के तहत 4 साल पूरे होने के बाद अग्निवीरों को भर्ती में 10 प्रतिशत का आरक्षण दिया जाएगा.