19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Agnipath Scheme: अग्निपथ योजना पर रोक से दिल्ली हाई कोर्ट का इनकार, केंद्र से मांगा जवाब

Agnipath Scheme: दिल्ली हाईकोर्ट ने यह कहते हुए योजना पर रोक लगाने से इंकार कर दिया कि वह कोई अंतरिम आदेश नहीं दे रही है और वह इस मामले में आखिर तक सुनवाई करेगी. कोर्ट ने केंद्र से योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को लेकर एक जवाब चार सप्ताह के अंदर दाखिल करने को कहा है.

Agnipath Scheme: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सशस्त्र बलों में भर्ती की ‘अग्निपथ’ योजना पर रोक लगाने से आज यानी गुरुवार को इंकार कर दिया और केंद्र सरकार से इसे चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने को कहा है. मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने केंद्र से योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर एक समेकित जवाब दाखिल करने को कहा और जवाब दाखिल करने के लिए केन्द्र को चार सप्ताह का समय दिया. याचिकाकर्ताओं में से एक के वकील ने अदालत से याचिकाओं पर फैसला होने तक योजना को लागू करने पर रोक लगाने का आग्रह किया.

मामले में आखिर तक होगी सुनवाई- कोर्ट: अदालत ने हालांकि यह कहते हुए योजना पर रोक लगाने से इंकार कर दिया कि वह कोई अंतरिम आदेश नहीं दे रही है और वह इस मामले में आखिर तक सुनवाई करेगी. कुछ अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि अदालत कह सकती है कि ‘अग्निपथ’ योजना के माध्यम से नियुक्ति रिट याचिकाओं के फैसले के अधीन होगी. इस पर पीठ ने कहा, ‘‘ऐसा ही हमेशा होता है.” केंद्र सरकार ने सेना में अल्पकालिक भर्ती की ‘अग्निपथ’ योजना की घोषणा 14 जून को की थी. अग्निपथ योजना में रक्षा बलों में साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को केवल चार साल के लिए भर्ती करने का प्रावधान है, जिसमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों तक बनाए रखा जाएगा.

जवाब दाखिल करे केन्द्र: इस योजना की घोषणा के तुरंत बाद कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. बाद में, सरकार ने योजना के तहत 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था. सुनवाई के दौरान जब पीठ ने जानना चाहा कि क्या केंद्र ने अपना जवाब दाखिल किया है, तो सरकारी वकील ने कहा कि अभी नोटिस जारी किया जाना बाकी है और उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि योजना से संबंधित सभी मामले दिल्ली उच्च न्यायालय को स्थानांतरित किए जाएं. उसने कहा, ‘‘आपको जवाब दाखिल करने की आवश्यकता थी.” केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि उनका समेकित जवाब लगभग तैयार है और इसे सॉलिसिटर जनरल द्वारा जांचे जाने की जरूरत है जिसके बाद इसे अदालत में दायर किया जाएगा.

उन्होंने ‘अग्निपथ’ योजना से संबंधित मामलों में जवाब दाखिल करने के लिए कुछ समय मांगा. उच्चतम न्यायालय ने अपने समक्ष लंबित उन सभी जनहित याचिकाओं को 19 जुलाई को दिल्ली उच्च न्यायालय को स्थानांतरित कर दिया था, जिनमें सशस्त्र बलों में भर्ती से जुड़ी केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ’ योजना को चुनौती दी गयी थी. उच्चतम न्यायालय ने केरल, पंजाब एवं हरियाणा, पटना और उत्तराखंड उच्च न्यायालय से भी इस योजना के खिलाफ उनके यहां दायर सभी जनहित याचिकाओं को या तो दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने या फिर उन पर तब तक फैसला निलंबित रखने को कहा था, जब तक दिल्ली उच्च न्यायालय अपना निर्णय नहीं कर लेता.

इससे पूर्व ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर शीर्ष अदालत में तीन याचिकाएं थीं. उच्चतम न्यायालय के समक्ष याचिकाओं में योजना के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान रेलवे सहित सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. शीर्ष अदालत में, हर्ष अजय सिंह के वकील ने कहा था कि उन्होंने सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए ‘अग्निपथ’ योजना लाये जाने संबंधी केंद्र के फैसले को चुनौती दी है.

Also Read: बांग्लादेश से अल-कायदा के सहयोगी असम में फैला रहे कट्टरता, डीजीपी ने कहा- सफल नहीं होने देंगे साजिश

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें