Agriculture: केंद्रीय कृषि मंत्री ने कृषि क्षेत्र से जुड़ी समस्या दूर करने का किसान संगठन को दिया भरोसा

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय किसान यूनियन संगठन (स्वतंत्र) से मुलाकात की. इस दौरान किसानों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गयी. किसान संगठन के प्रतिनिधियों ने कृषि मंत्री के समक्ष कई सुझाव रखे.

By Vinay Tiwari | October 1, 2024 2:21 PM

Agriculture: किसान संगठनों से हर मंगलवार को मिलने की कवायद के तहत मंगलवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय किसान यूनियन संगठन (स्वतंत्र) से मुलाकात की. इस दौरान किसानों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गयी. किसान संगठन के प्रतिनिधियों ने कृषि मंत्री के समक्ष कई सुझाव रखे. बैठक की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फसलों की लागत कम करने, लाभकारी मूल्य दिलाने, फसलों को जलभराव से बचाने सहित अन्य विषयों पर व्यापक चर्चा की गयी.

इसके अलावा कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से धरती के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर के समाधान, अच्छे बीज और अच्छे कीटनाशक की किसानों को उपलब्धता सुनिश्चित करने, सरकारी योजनाओं की जानकारी सभी किसानों तक पहुंचाने के उपाय, पीएम फसल बीमा योजना और किसान क्रेडिट कार्ड पर भी चर्चा की गयी. साथ ही फैक्ट्री के दूषित पानी से कैसे निजात मिले और ट्रांसफार्मर जलने पर कैसे उसे कम समय में बदला जाए, इन विषयों पर किसानों की ओर से सुझाव आए है. सरकार इन सुझावों पर गंभीरता से विचार करेगी. 

चर्चा का दौर रहेगा जारी

कृषि मंत्री ने कहा कि चर्चा बहुत उपयोगी रही. किसानों की सेवा ही भगवान की पूजा है. राज्य सरकारों से संबंधित सुझाव राज्य सरकारों को भेजेंगे और समस्याओं के समाधान और सुझावों पर काम किया जायेगा. भले ही समस्याएं दिखने में छोटी लगती है, उनका समाधान हो जाएं तो किसानों की 10 से 20 फीसदी तक आमदनी बढ़ सकती है. कई व्यवहारिक समस्याएं किसानों ने सामने रखी है और सरकार की ओर से इसके समाधान का हरसंभव प्रयास किया जायेगा. गौरतलब है कि पिछले मंगलवार को भी केंद्रीय कृषि मंत्री ने कई राज्यों के किसान संगठनों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना था.

सरकार की कोशिश कृषि क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं का ठोस समाधान करना है. तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने लंबा संघर्ष किया और आखिरकार सरकार को तीनों कानूनों को वापस लेना पड़ा. ऐसे में सरकार की कोशिश किसान संगठनों से संवाद कर किसानों की नाराजगी को कम करना है. किसान संगठन की प्रमुख मांग है न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी प्रदान करना. इस बाबत सरकार की ओर से एक कमेटी का गठन किया गया था और कमेटी की रिपोर्ट सरकार को मिल चुकी है. देखने वाली बात होगी कि सरकार इस बारे में क्या फैसला लेती है. 

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