Agriculture:प्रधानमंत्री मानधन योजना के मामले में बिहार है सबसे आगे
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के पंजीकरण में बिहार सबसे आगे हैं. बिहार के 3.4 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया है. वहीं दूसरे स्थान पर झारखंड है. झारखंड के 2.5 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया है. इस योजना के तहत किसानों को हर महीने तीन हजार रुपये पेंशन का प्रावधान है.
Agriculture:देश के छोटे और लघु किसानों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार ने 12 सितंबर 2019 को प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना शुरू की थी. इस योजना को पांच साल पूरे होने वाले हैं. इस योजना के तहत किसानों को 3 हजार रुपये मासिक पेंशन देने का प्रावधान है. अब तक इस योजना के तहत देश में 23.38 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया है. योजना के तहत 18-40 आयु वर्ग के किसान पंजीकरण करा सकते हैं और किसानों को पेंशन फंड में हर महीने 55 से 200 रुपये तक योगदान देना होता है. इतना ही पैसा केंद्र सरकार भी देती है. यह रकम किसानों को 60 साल पूरा होने तक देना होगा और 60 साल पूरा होने पर ही पेंशन मिलेगी. जीवन बीमा निगम इस पेंशन फंड का प्रबंधन करती है. किसान इस योजना के लिए कॉमन सर्विस सेंटर के जरिये पंजीकरण करा सकते हैं. वैसे किसान जिनके पास दो हेक्टेयर से कम कृषि योग्य भूमि है वे ही इस योजना का लाभ लेने के हकदार हैं.
बिहार मानधन योजना के मामले में सबसे आगे
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के पंजीकरण में बिहार सबसे आगे है. बिहार के 3.4 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया है. इस मामले में दूसरे स्थान पर झारखंड है. झारखंड के 2.5 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया है. वहीं उत्तर प्रदेश के 2.5 लाख, छत्तीसगढ़ के 2 लाख और ओडिशा के 1.5 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया है. पंजीकरण के आंकड़ों से पता चलता है कि बिहार, झारखंड जैसे राज्यों के किसान सामाजिक सुरक्षा को लेकर अधिक जागरूक हैं. सरकार इस योजना के लाभ से किसानों को अवगत कराने के लिए कई स्तरों पर प्रयास कर रही है. इस योजना के तहत पेंशन वाले किसान की मृत्यु होने पर उसकी पत्नी को 50 फीसदी यानी 1500 रुपये महीने की मासिक पेंशन देने का प्रावधान है. बशर्ते इस योजना के तहत वह पेंशन नहीं पा रही हों.