कृषि बिल (Agriculture Bill) के खिलाफ मोदी सरकार को काफी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. इस बिल पर भाजपा की पुरानी साथी शिरोमणि अकाली दल (SAD) एनडीए से बाहर हो गया है. अकाली दल के एनडीए से बाहर होने रे बाद पंजाब में बीजेपी और अकाली दल के नेताओं में खींचतान का सिलसिला जारी है. इसी बीच बीजेपी ने कहा है कि वो 2022 में पंजाब मं होने वाले विधानसभा चुनाव में सभी 117 सीटों पर लड़ेगी. बता दें पंजाब बीजेपी के नेता अब अकाली दल को निशाने पर ले रहे है.
शिरोमणि अकाली दल (SAD) के एनडीए से बाहर हो जाने के बाद रविवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता मदन मोहन मित्तलने यह भी दावा किया कि अकाली दल के कई नेता बीजेपी में शामिल हो सकते है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मदन मोहन मित्तलने यह भी दावा किया कि अकाली दल के कई नेता बीजेपी के संपर्क में हैं. वहीं इस पूरे मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को संकुचित राजनीतिक फायदे से ऊपर उठने और पंजाब के किसानों को तबाह कर देने वाले कृषि विधेयकों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने के लिए एक मंच पर आने की अपील की.
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा है कि हरसिमरत कौर बादल द्वारा केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफे को अकालियों द्वारा बलिदान भरा इतिहास करार दिए जाने का मजाक उड़ाते हुए कहा कि क्या केंद्रीय कैबिनेट का पद छोड़ना एक बलिदान है? उन्होंने आगे कहा कि ‘अकालियों के सामने कोई विकल्प नहीं था क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि अकाली दल किसानों को कृषि बिल की अच्छाई के बारे में समझाने में विफल रहे हैं. वह ही इसके जिम्मेदार हैं. एनडीए छोड़ने का एसएडी का फैसला सिर्फ झूठ और धोखे की उनकी गाथा की परिणति था.