कृषि सुधार विधेयक को लेकर हंगामा मचा हुआ है और एनडीए में दरार पड़ गई है. जहां मोदी सरकार में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं कांग्रेस भी इसके विरोध में है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि हमारी पार्टी इस विधेयक से सहमत नहीं है. केंद्र को समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए. हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा राष्ट्रपति कोविंद ने मंजूर कर लिया है.
इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में पारित कृषि सुधार संबंधी विधेयकों को ‘‘ऐतिहासिक” करार देते हुए इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को आश्वस्त किया कि ये विधेयक वास्तव में किसानों को कई और विकल्प प्रदान कर उन्हें सही मायने में सशक्त करने वाले हैं. इधर बिल के विरोध में रेल रोको अभियान किसान मजदूर संघर्ष कमेटी चलाएगी.
We have decided to hold a 'rail roko' agitation from September 24 to 26 against the three agriculture ordinances: Sarwan Singh Pandher, General Secretary, Kisan Mazdoor Sangharsh Committee #Punjab pic.twitter.com/HeI5JRx5XB
— ANI (@ANI) September 18, 2020
हरसिमरत कौर का ट्वीट : हरसिमरत कौर बादल ने खुद ट्वीट कर इस्तीफा देने की जानकारी दी. बादल ने अपने ट्वीट में लिखा कि ‘मैंने किसान विरोधी अध्यादेशों और कानून के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. किसानों के साथ उनकी बेटी और बहन के रूप में खड़े होने का गर्व.’हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा राष्ट्रपति कोविंद ने मंजूर कर लिया है.
लोकसभा में पारित : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में पारित कृषि सुधार संबंधी विधेयकों को ‘‘ऐतिहासिक” करार दिया है. लोकसभा ने कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक पारित कर दिया. आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक पहले ही पारित हो चुका है.
पीएम मोदी का ट्वीट : विधेयकों के पारित होने पर पीएम मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयकों का पारित होना देश के किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है. ये विधेयक सही मायने में किसानों को बिचौलियों और तमाम अवरोधों से मुक्त करेंगे. इस कृषि सुधार से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए-नए अवसर मिलेंगे, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा. इससे हमारे कृषि क्षेत्र को जहां आधुनिक टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, वहीं अन्नदाता सशक्त होंगे.
अन्य दल भी कर रहे हैं विरोध : लोकसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने कृषि उपज एवं कीमत आश्वासन संबंधी विधेयकों को ‘किसान विरोधी’ करार देते आरोप लगाया कि इन विधेयकों से जमाखोरी, कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा तथा उद्योगपतियों एवं बिचौलियों को फायदा होगा जबकि किसान बर्बाद हो जाएंगे. इन विधेयकों के विरोध में देश के कुछ हिस्सों खासकर कृषि प्रधान पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में किसान प्रदर्शन भी कर रहे हैं.
Posted By : Amitabh Kumar