Agriculture Bills/ Kisan Bill 2020 : 14 महीने के बाद ट्विटर पर लौटे नवजोत सिद्धू, आते ही मोदी सरकार पर किया हमला
Agriculture Bills/ Kisan Bill 2020 : 14 महीने के वनवास के बाद ट्विटर पर लौटे पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने आते ही मोदी सरकार पर हमला किया है. उन्होंने किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा है. लोकसभा में पारित दो विवादास्पद कृषि विधेयकों के खिलाफ सिद्धू ने भी आवाज उठाई है. सिद्धू ने एक के बाद एक दो ट्वीट किए.
14 महीने के वनवास के बाद ट्विटर पर लौटे पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने आते ही मोदी सरकार पर हमला किया है. उन्होंने किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा है. लोकसभा में पारित दो विवादास्पद कृषि विधेयकों के खिलाफ सिद्धू ने भी आवाज उठाई है. सिद्धू ने एक के बाद एक दो ट्वीट किए.
पहले ट्वीट में सिद्धू लिखा कि सरकारें तमाम उम्र यही भूल करती रही, धूल उनके चेहरे पर थी, आईना साफ करती रही… दूसरा ट्वीट उनके ट्विटर वॉल पर पंजाबी में नजर आ रहा है जिसमें उन्होंने लिखा- किसान पंजाब की आत्मा है… शरीर के घाव ठीक हो सकते हैं, लेकिन आत्मा के घाव को ठीक नहीं किया जा सकता है. आगे उन्होंने कहा कि हमारे अस्तित्व पर हमला बर्दाश्त नहीं है. युद्ध का बिगुल बजाते हुए क्रांति को जीने का काम करो…पंजाब, पंजाबी और हर पंजाबी किसान के साथ है…
हरसिमरत कौर का ट्वीट : हरसिमरत कौर बादल ने खुद ट्वीट कर इस्तीफा देने की जानकारी दी. बादल ने अपने ट्वीट में लिखा कि ‘मैंने किसान विरोधी अध्यादेशों और कानून के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. किसानों के साथ उनकी बेटी और बहन के रूप में खड़े होने का गर्व.’हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा राष्ट्रपति कोविंद ने मंजूर कर लिया है.
लोकसभा में पारित : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में पारित कृषि सुधार संबंधी विधेयकों को ‘‘ऐतिहासिक” करार दिया है. लोकसभा ने कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक पारित कर दिया. आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक पहले ही पारित हो चुका है.
पीएम मोदी का ट्वीट : विधेयकों के पारित होने पर पीएम मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयकों का पारित होना देश के किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है. ये विधेयक सही मायने में किसानों को बिचौलियों और तमाम अवरोधों से मुक्त करेंगे. इस कृषि सुधार से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए-नए अवसर मिलेंगे, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा. इससे हमारे कृषि क्षेत्र को जहां आधुनिक टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, वहीं अन्नदाता सशक्त होंगे.
अन्य दल भी कर रहे हैं विरोध : लोकसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने कृषि उपज एवं कीमत आश्वासन संबंधी विधेयकों को ‘किसान विरोधी’ करार देते आरोप लगाया कि इन विधेयकों से जमाखोरी, कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा तथा उद्योगपतियों एवं बिचौलियों को फायदा होगा जबकि किसान बर्बाद हो जाएंगे. इन विधेयकों के विरोध में देश के कुछ हिस्सों खासकर कृषि प्रधान पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में किसान प्रदर्शन भी कर रहे हैं.
Posted By : Amitabh Kumar