किसानों से वार्ता के मुद्दे पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, बात का विषय होगा तब चर्चा होगी न?

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आगे कहा कि हमने उनसे लगातार बात की है. अपना प्रस्ताव भी दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 23, 2021 5:46 PM

नई दिल्ली : केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में बीते आठ महीने से लगातार आंदोलन कर रहे किसानों से वार्ता को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि बात का विषय होगा तब चर्चा होगी न? समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि सरकार किसानों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है. जहां तक किसान यूनियन का सवाल है. उनकी आपत्ति है. पूरे देश के बहुसंख्यक किसान इस सुधार के साथ खड़े हैं. इसके बावजूद भी यूनियन के प्रति भारत सरकार पूरी तरह संवेदनशील है.

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आगे कहा कि हमने उनसे लगातार बात की है. अपना प्रस्ताव भी दिया है. उन्होंने उस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया तो हमने कहा है कि आपका क्या प्रस्ताव है? आप लेकर आएं तो चर्चा करेंगे. बात किस पर करनी है? बात का विषय होगा तो चर्चा होगी न?

बता दें कि संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) से तीन कृषि कानूनों को पास किए जाने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 27 सितंबर 2020 को इस पर अपनी मुहर लगा दी थी. इसके बाद बीते आठ महीनों से देश के किसान इन तीनों कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं. अभी जब 19 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू किया गया है, तो किसानों ने भी जंतर-मंतर पर किसानों की संसद की शुरुआत की है. शुक्रवार को जंतर-मंतर पर किसान संसद दूसरे दिन भी जारी रही.

किसानों ने ‘किसान संसद’ का आयोजन सदन अध्यक्ष हरदेव अर्शी, उपाध्यक्ष जगतार सिंह बाजवा और ‘कृषि मंत्री’ के साथ किया. किसान संसद में एक घंटे का प्रश्नकाल भी रखा गया था, जिसमें कृषि मंत्री पर सवालों की बौछार की गई, जिन्होंने केंद्र के नए कृषि कानूनों का बचाव करने की पुरजोर कोशिश की.

मंत्री ने संसद को बताया कि कैसे पैर फैलाती कोरोना वैश्विक महामारी के बीच किसानों को उनके घरों को लौटने और उनसे टीका लगवाने का अनुरोध किया गया था. हर बार जब मंत्री संतोषजनक जवाब देने में विफल रहते, सदन के सदस्य उन्हें शर्मिंदा करते, अपने हाथ उठाते और उनके जवाबों पर आपत्ति जताते.

संसद में जारी मानसून सत्र के साथ केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शित करने के लिए 200 किसानों का एक समूह गुरुवार को सेंट्रल दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचा. दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने जंतर-मंतर पर अधिकतम 200 किसानों को नौ अगस्त तक प्रदर्शन की विशेष अनुमति दी है. जंतर-मंतर संसद परिसर से महज कुछ मीटर की दूरी पर है.

Also Read: Farmers Protest : जंतर-मंतर पर ‘किसान संसद’ में बोले राकेश टिकैत- सदन में विपक्ष बने हमारी आवाज

Posted by : Vishwat Sen

Next Article

Exit mobile version