किसान आंदोलन में नहीं हुई किसी की मौत, कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने लोकसभा में दिया जवाब

लोकसभा में कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से सवाल पूछा गया था, 'सरकार के पास कोई ऐसा आंकड़ा है कि किसान आंदोलन में कितने किसानों की मौत हुई है और सरकार आंदोलन में मरने वाले किसानों के परिजनों को मुआवजा देगी?'

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 1, 2021 1:16 PM
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नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने बुधवार को यह स्पष्ट कर दिया है कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बीते एक साल से जारी किसान आंदोलन में किसी किसान की मौत नहीं हुई है. उसने कहा है कि आंदोलन में मरने वाले किसानों का रिकॉर्ड उसके पास नहीं है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने लोकसभा में एक लिखित जवाब ने कहा कि कृषि मंत्रालय के पास किसान आंदोलन में किसी किसान की मौत का रिकॉर्ड नहीं है. ऐसे में आंदोलन में मरने वाले किसानों के परिजनों को मुआवजा देने का सवाल ही नहीं उठता.

लोकसभा में कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से सवाल पूछा गया था, ‘सरकार के पास कोई ऐसा आंकड़ा है कि किसान आंदोलन में कितने किसानों की मौत हुई है और सरकार आंदोलन में मरने वाले किसानों के परिजनों को मुआवजा देगी?’ कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से पूछा गया कि अगर ऐसा है, तो विस्तृत जानकारी दें और अगर ऐसा नहीं है, तो सरकार वजह बताए.

इसके जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि सरकार किसान आंदोलन में शामिल संगठनों से लगातार बातचीत कर रही है, ताकि आंदोलन समाप्त किया जा सके. इसके लिए सरकार और किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है. उन्होंने कहा कि सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को संसद के शीतकालीन सत्र में वापस ले लिया है.

अपने जवाब में कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि इसके अलावा, सरकार ने कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट्स एंड प्राइस की सलाह पर 22 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित भी कर दिया है. एमएसपी के तहत फसलों की खरीद के लिए केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियां विभिन्न योजनाओं के तहत काम कर रही हैं.

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बता दें कि पिछले नवंबर महीने में ही लंबे किसान आंदोलन को देखते हुए संसद के पास तीनों कृषि कानून को वापस लेने का ऐलान किया था. इसके साथ ही संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन तीनों कृषि कानूनों को संसद के दोनों सदनों से वापस कर लिया गया है. इसके बावजूद आंदोलनरत किसान एमएसपी कानून बनाने को लेकर अड़े हुए हैं.

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