Agriculture: किसानों ने लाभकारी खेती के लिए मॉडल कृषि फार्मिंग के प्रशिक्षण मुहैया कराने को कहा
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों से खेती से संबंधित कई विषयों पर चर्चा की गयी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों के हित में किये गये सभी प्रयासों सहित बुधवार को रबी की एमएसपी बढ़ाने की जानकारी किसानों को दी गयी.
Agriculture: देश के किसानों की समस्या को समझने और उसे दूर करने के लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान हर हफ्ते किसान संगठन के प्रतिनिधियों से मुलाकात करते हैं. इस कड़ी में गुरुवार को कई राज्यों के किसान और किसान संगठनों से चर्चा की. बैठक के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसानों से खेती से संबंधित कई विषयों पर चर्चा की, जिसमें किसानों ने लाभकारी खेती के लिए मॉडल कृषि फार्मिंग के प्रशिक्षण मुहैया कराने को कहा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों के हित में किये गये सभी प्रयासों सहित बुधवार को रबी की एमएसपी बढ़ाने की जानकारी किसानों को दी गयी. किसान संगठनों ने कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की व कई रचनात्मक सुझाव दिये. कृषि मंत्री को किसानों ने कहा कि मॉडल कृषि फार्म (मॉडल कृषि फार्मिंग) बनना चाहिए जिसमें यह जानकारी दी जाये कि एक-दो या ढ़ाई एकड़ ज़मीन वाले किसान कैसे खेती करें और किस तरह से उसी में लाभकारी खेती करें? किसानों ने एक एकड़ वाले फार्म में ही लाभकारी खेती कर रहे किसानों के उदाहरण भी दिया.
अन्न श्री को बढ़ावा देने पर ही हुई चर्चा
किसानों ने बैठक के दौरान खेतों में पानी पहुंचाने, उर्वरकों के प्रयोग, मिट्टी को स्वस्थ बनाने, प्राकृतिक आपदा में हुए नुकसान के कारण होने वाली परेशानियां, चीनी मिलों के बंद होने और आवारा पशुओं की समस्याओं आदि को लेकर चर्चा की. साथ ही किसानों ने श्रीअन्न को बढ़ावा देने को लेकर भी कई अहम सुझाव दिया. सरकार किसानों के सुझावों पर गंभीरता से विचार कर उनके समाधान का प्रयास करेगी.
राज्य सरकार से संबंधित विषय राज्यों को भेजेंगे और केंद्र सरकार के विषयों पर विभाग कार्रवाई करेंगे. किसानों से संवाद बहुत उपयोगी है और इस संवाद से हमें मूल समस्याओं की जानकारी सीधे किसानों से मिल रही है. गौरतलब है कि पूर्व में कई राज्यों के किसान और किसान संगठनों से भी कृषि मंत्री मुलाकात कर चुके हैं. सरकार की कोशिश विपक्ष द्वारा मोदी सरकार को किसान विरोधी बताने के नैरेटिव को कमजोर करना है और किसानों को केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी मुहैया कराना है.