21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Agriculture: जल्द शुरू होगा आधुनिक कृषि चौपाल कार्यक्रम

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय जल्द ही आधुनिक कृषि चौपाल का कार्यक्रम शुरू होगा, जिसमें वैज्ञानिक लगातार किसानों से चर्चा करके जानकारियां भी देंगे और समस्याओं का समाधान भी करेंगे.

Agriculture: मृदा(स्वाइल) स्वास्थ्य मौजूदा समय में गंभीर चिंता का विषय है. आजादी के बाद देश कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है. एक समय में देश में खाद्यान्नों की कमी थी और दूसरे देशों पर निर्भर रहना होता था. लेकिन हरित क्रांति ने इसे पूरी तरह बदल दिया. उच्च उपज वाली फसलें व उनकी किस्में, बेहतर सिंचाई आधुनिक कृषि प्रणालियों को अपनाने से करोड़ों भारतीयों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हुई है. इसके बाद रेनबो क्रांति ने भी बागवानी, डेयरी, जलीय कृषि, मुर्गी पालन आदि से कृषि को विविधता मिली जिससे बाद में कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रमुख स्तंभ बन गयी. 

वैश्विक मृदा कांफ्रेंस 2024 को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह ने कही. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में सालाना 330 मिलियन टन खाद्यान्न का उत्पादन हो रहा है और वैश्विक खाद्य व्यापार में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है. खाद्यान्न निर्यात से 50 मिलियन डॉलर की कमाई हो रही है, लेकिन यह सफलता साथ में मिट्टी के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ी है. केमिकल फर्टिलाइज़र का बढ़ता उपयोग, प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन और अस्थिर मौसम ने मिट्टी पर दबाव डाला है. आज भारत की मिट्टी बड़े स्वास्थ्य संकट का सामना कर रही है. कई अध्ययनों के अनुसार हमारी 30 फीसदी मिट्टी खराब हो चुकी है.


भविष्य में किसानों की आय पर पड़ सकता है असर

प्रदूषण, धरती में आवश्यक नाइट्रो और माइक्रो न्यूट्रेंट के स्तर में कमी आ रही है. मिट्टी में जैविक कार्बन की कमी से उसकी उर्वरता कम हो रही है. इससे न केवल उत्पादन पर असर होगा बल्कि आने वाले समय में किसानों की आजीविका और खाद्य संकट भी पैदा हो सकता है. ऐसे में इस पर गंभीरता से इस पर विचार करना जरूरी है. कृषि मंत्री ने कहा कि  केंद्र सरकार ने इसके लिए कई पहल शुरू की है. वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाने की शुरुआत हुई और अब तक 220 मिलियन से अधिक कार्ड किसानों को बनाकर दिए जा चुके हैं. किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड से अब पता है कि कौन सी खाद कितनी मात्रा में उपयोग करनी है. 

विज्ञान और किसान के बीच की दूरी कम करनी होगी. लैब टू लैंड वैज्ञानिक से किसान तक समय पर सही जानकारी किसानों को मिले, इसपर काम हो रहा है. कृषि विज्ञान केंद्र भी इस दिशा में कई प्रयास कर रहा है. जल्द ही आधुनिक कृषि चौपाल का कार्यक्रम शुरू होगा, जिसमें वैज्ञानिक लगातार किसानों से चर्चा करके जानकारियां भी देंगे और समस्याओं का समाधान भी करेंगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें