दिल्ली एम्स की प्रोफेसर बोलीं- वैक्सीन की डोज के बाद बुस्टर डोज जरूरी, नहीं बन रहे पर्याप्त एंटीबॉडी
Booster Doses दिल्ली एम्स में प्रोफेसर एमवी पद्म श्रीवास्तव ने गुरुवार को कहा कि अब भारत में बूस्टर खुराक के लिए सही समय है. एनवी पद्म श्रीवास्तव ने कहा कि करीब 35 फीसदी आबादी का पूरी तरह से टीकाकरण हुआ है. जबकि, एक बड़ी आबादी को अभी भी पूरी तरह से कोविड वैक्सीन की खुराक लगाने की जरूरत है.
COVID Vaccine Booster Doses दिल्ली एम्स में न्यूरोलॉजी विभाग में प्रोफेसर एमवी पद्म श्रीवास्तव ने गुरुवार को कहा कि अब भारत में बूस्टर खुराक के लिए सही समय है. एनवी पद्म श्रीवास्तव ने कहा कि करीब 35 फीसदी आबादी का पूरी तरह से टीकाकरण हुआ है. जबकि, एक बड़ी आबादी को अभी भी पूरी तरह से कोविड वैक्सीन की खुराक लगाने की जरूरत है.
प्रोफेसर एमवी पद्म श्रीवास्तव ने कहा कि क्या हम ऐसे व्यक्ति को टीके की खुराक दे सकते हैं, जिसे वैक्सीन लगाई गई है. लेकिन बूस्टर खुराक की जरूरत है. उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन के बाद भी लोग पर्याप्त एंटीबॉडी का उत्पादन नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह एक नैतिक सवाल है और इस पर विचार किया जा रहा है. मुझे विश्वास है कि इसको लेकर सही फैसला लिया जाएगा.
I'm very happy to hear the news, very hopeful that it would do what it's claimed to do. Since we already have approvals in some major countries there is a lot of hope in this aspect: Prof MV Padma Srivastava, Head of Department of Neurology, AIIMS, Delhi on Molnupiravir#COVID19 pic.twitter.com/h2i87TJ3X4
— ANI (@ANI) November 11, 2021
पद्म श्रीवास्तव ने कहा कि दुनिया के कुछ हिस्सों में छह महीने से पहले भी बूस्टर खुराक दी गई है. इसके लिए वैज्ञानिक प्रमाण हैं कि कम से कम कुछ प्रतिरक्षा प्राप्त करने के लिए उन्हें बूस्टर खुराक की आवश्यकता होगी. उन्होंने कहा कि SAGE इस पर विचार कर रहा है और निर्देश देगा. उन्होंने कहा कि चूंकि हमारे पास पहले से ही कुछ प्रमुख देशों में अनुमोदन है, इसलिए इसको लेकर बहुत उम्मीद है.