एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि अगर अगले कुछ महीनों तक हम कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें और भीड़भाड़ एवं गैरजरूरी यात्रा से बचें तो कोरोना के थर्ड वेव से हमें उतना खतरा नहीं होगा. डॉ गुलेरिया ने कहा कि वैक्सीनेशन बहुत जरूरी है, बच्चों का वैक्सीन भी सितंबर तक आ जायेगा फिर उनका वैक्सीनेशन भी शुरू हो जायेगा.
डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि हमें यह कोशिश करनी चाहिए कि वैक्सीनेशन अधिक से अधिक हो, ताकि हम तीसरी लहर को पीछे धकेल दें और यह भी संभव है कि यह कमजोर हो जाये.
डॉ गुलेरिया ने कहा कि तीसरी लहर के आने से पहले हम यह अनुमान तो नहीं लगा सकते हैं कि वायरस का व्यवहार कैसा रहेगा, लेकिन यह कहा जा सकता है कि वायरस का व्यवहार बहुत अधिक चौंकाने वाला नहीं होगा.
डॉ रणदीप गुलेरिया ने सीरोसर्वे का हवाला देते हुए कहा कि देश की जनसंख्या के एक बड़े हिस्से में एंटीबॉडीज विकसित हो चुका है इसलिए कोरोना का खतरा कम हुआ है. अगर कुछ और महीनों तक हम इस वायरस के खिलाफ संयम के साथ व्यवहार करें तो इसमें कोई शक नहीं कि हम जंग जीत लेंगे.
कोरोना की तीसरी लहर विश्व के कई देशों में आ चुकी है. देश में अभी भी कोरोना संक्रमण के मामले 35-40 हजार के बीच आ रहे हैं. ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए एक्सपर्ट लगातार सलाह दे रहे हैं.
एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि देश में बच्चों के लिए सितंबर तक वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी: ऐसे में बच्चों की आबादी भी कोरोना वायरस से सुरक्षित हो सकते हैं. कोवैक्सीन का ट्रॉयल बच्चों के लिए चल रहा है और उम्मीद है कि सितंबर से बच्चों का वैक्सीनेशन भी शुरू हो जायेगा.
कुछ दिनों पहले डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा था कि अब हमें स्कूल खोलने पर विचार करना चाहिए. डॉ गुलेरिया ने कहा था कि बच्चों में संक्रमण का प्रभाव कम होता है और बच्चे संक्रमण को हैंडिल भी कर लेते हैं. सीरो सर्वे में बच्चों में एंटीबॉडीज होने की बात भी इन्होंने कही है.
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आईसीएमआर ने भी स्कूल खोलने की बात कही है. आईसीएमआर ने भी सीरो सर्वे के हवाले से यह कहा था कि माध्यमिक विद्यालयों से पहले प्राथमिक विद्यालयों को खोला जाना चाहिए.