एम्स निदेशकों की अपील : स्कूलों में खुद के बचाव के लिए बच्चों को कोरोना प्रोटोकॉल की जानकारी दें अभिभावक
बच्चे लंबे समय बाद स्कूल जा रहे हैं. इसलिए उन्हें भी इस बात की जानकारी देना माता पिता का फर्ज है कि वह स्कूल में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते रहें. बड़ी उम्र के लोग कोरोना प्रोटोकॉल को अपनी आदत शामिल कर लिए हैं, लेकिन अब बच्चों को भी पूरी सुरक्षा के साथ घर से बाहर निकलने के लिए प्रशिक्षित करना है.
नई दिल्ली : देश में कोरोना की तीसरी लहर के दौरान संक्रमण के नए मामलों में भले ही गिरावट आ गई हो, लेकिन एम्स के निदेशक अब भी बचाव के लिए सभी प्रकार की सावधानियों को अपनाए रखने की अपील कर रहे हैं. उनका कहना है कि देश कोरोना के मामले कमी देखी जा रही है. इसके साथ ही टीकाकरण का दायरा भी बढ़ा है. सरकार द्वारा 15 से 18 साल के किशोरों के लिए कोविड टीकाकरण शुरू करने के बाद अब लगभग सभी राज्यों में स्कूलों को भी खोल दिया गया है. सात फरवरी से 15 से 18 साल के किशोरों के लिए कक्षाएं शुरू कर दी गईं. वहीं, 14 फरवरी से लगभग सभी कक्षाओं को शुरू कर दिया जाएगा, लेकिन कोरोना से बचाव की सावधानियों को बरतते रहना बेहद जरूरी है.
बच्चों के प्रति सचेत रहें माता-पिता
बच्चे लंबे समय बाद स्कूल जा रहे हैं. इसलिए उन्हें भी इस बात की जानकारी देना माता पिता का फर्ज है कि वह स्कूल में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते रहें. बड़ी उम्र के लोग कोरोना प्रोटोकॉल को अपनी आदत शामिल कर लिए हैं, लेकिन अब बच्चों को भी पूरी सुरक्षा के साथ घर से बाहर निकलने के लिए प्रशिक्षित करना जरूरी है. निश्चित रूप से इसमें अभिभावकों के साथ ही स्कूल में अध्यापिकाओं को भी अपने काम को पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाना होगा. कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील पहली लहर से ही की जा रही है.
भविष्य में भी करते रहें कोरोना प्रोटोकॉल का पालन
एम्स बीबी नगर तेलंगाना के निदेशक डॉ विकास भाटिया कहते हैं कि पहली और दूसरी लहर के अनुभवों से सीख लेते हुए हम सभी ने तीसरी लहर का सामना बड़ी ही समझदारी से किया है. ऐसे ही कोरोनो प्रोटोकॉल को आगे भी पालन करते रहना है। अब क्योंकि बच्चों के बाद भी कोविड वैक्सीन का सुरक्षा कवच है. इसलिए अब बड़ी जिम्मेदारी हमारी है कि हम किस तरह बच्चों को इस बात की जानकारी दें कि स्कूल में दोस्तों से किस तरह मिलना है, बस में कितनी दूरी बना कर रखनी है स्कूल में हाथों को नियमित रूप से धोते रहना है, टिफिन शेयर नहीं करना है, खांसते या छींकते समय मुंह पर रूमाल रखना है.
पर्यटन के समय बरतें सावधानियां
एम्स रायबरेली के निदेशक डॉ अरविंद राजवंशी कहते हैं कि लंबे समय से घरों में कैद कोविड के मामले कम होते ही लंबी यात्राओं का प्लान बनाने लगते हैं. पर्यटन करने में कोई बुराई नहीं, लेकिन कोविड के बाद के काल में हमें न्यू नार्मल या नये सामान्य कोविड बचाव नियमों को गंभीरता से पालन करना होगा. घर से बाहर निकलने या कहीं बाहर यात्रा करने पर भी मुंह पर मास्क, निर्धारित दूरी का पालन करना और हाथों को साफ करते रहना होगा. इस बात को हमेशा दिमाग में रखना है कि बाहर गया हुआ व्यक्ति किस माध्यम से संक्रमण अपने साथ ले आए और घर में पहले से मौजूद लोगों को संक्रमित कर दें. इसकी जानकारी हमें नहीं होगी. इसलिए सावधानी अपनाकर ही हम अपने प्रियजनों को संक्रमण से सुरक्षा दे सकते हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के यात्रा निर्देशों का पालन करें
चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड काल के दौरान यात्रा संबंधी कुछ दिशा निर्देश जारी किए हैं, जिनका पालन करते हुए यात्रा करनी चाहिए. यह अत्यंत जरूरी है कि वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद ही आप यात्रा की योजना बनाएं और दोनों डोज लेने के बाद भी यात्रा के दौरान कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करते रहें.
बुरी आदतों से दूरी बनाएं
एम्स रायपुर के निदेशक डॉ नितिन एम नागरकर कहते हैं सामान्य रूप से हमारे आदतों में बार-बार मुंह पर हाथ फेरना, नाखुनों को चबना, बिना हाथ धोएं कुछ भी खा लेना और चीजों को हाथ लगाते हुए चलना शामिल होता है, लेकिन आपको अंदाजा भी नहीं है यह छोटी आदते आपको कोविड से संक्रमित कर सकती हैं, जिनता संभव हो सार्वजनिक वस्तुओं से दूरी बना कर रखें प्रत्येक आठ घंटे में मास्क को बदलते रहें. निर्धारित सामाजिक दूरी का पालन करें, घर पर ही यदि किसी पार्टी का आयोजन कर रहे हैं तो पर्याप्त हवादार और खुले कमरे का प्रयोग करें.
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चेहरे पर मास्क लगाना बेहद जरूरी
रांची रिम्स के निदेशक डॉ प्रदीप भट्टाचार्या कहते हैं कि संक्रमण से बचाव में मास्क की भूमिका बहुत अहम हैं आप घर से बाहर कितनी भी देर रहें, इस बात के लिए पूरी तरह आश्वस्त रहें कि आपका मास्क सही तरीके से लगा हो. यह नाक से नीचे लटकता हुआ या गीला नहीं होना चाहिए. मास्क का व्यवस्थित तरीके से नहीं लगा होना आपको संक्रमण दे सकता है, क्योंकि आप यह नहीं जानते कि जिस भी व्यक्ति के सामने आप खड़े है बात कर रहे हैं या फिर साथ भोजन कर रहे हैं, वह कोविड का ए सिम्पमेटिक मरीज हो सकता है. लापरवाही से लगा मास्क कोरोना वायरस को आपके शरीर में श्वांस या ड्रापलेट के जरिए प्रवेश करने का पूरा मौका देगा.