नयी दिल्ली: सरकार ने 15 से 18 साल के बच्चों का टीकाकरण शुरू करने का ऐलान कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद घोषणा की है कि 3 जनवरी 2022 से कोरोना वैक्सीन का डोज दिया जायेगा. साथ ही कहा कि इससे स्कूल जाने वाले बच्चों के माता-पिता की चिंता कम होगी. वहीं, दूसरी ओर एम्स के सीनियर डॉक्टर ने कहा है कि बच्चों का टीकाकरण शुरू करने के फायदे कम होंगे. जोखिम ज्यादा रहेगा.
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) के एक्सपर्ट, जो वयस्कों और बच्चों पर हुए कोवैक्सीन (Covaxin) ट्रायल के मुख्य जांचकर्ता भी हैं, ने मोदी सरकार के फैसले पर आपत्ति जाहिर करते हुए इस फैसले को अवैज्ञानिक करार दिया है.
इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन के प्रमुख डॉ संजय के राय (Sanjay K Roy) ने कहा है कि ब्रिटेन में प्रतिदिन 50 हजार से अधिक कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं. यह साबित करता है कि वैक्सीनेशन, संक्रमण को रोक नहीं रहा है. हां, यह कोरोना (Coronavirus) की गंभीरता और इससे होने वाली मौत को रोकने में प्रभावी है. उन्होंने कहा कि टीकाकरण (Vaccination) करके हम 10 लाख संक्रमितों में 14-15 हजार लोगों की जान बचा सकते हैं.
उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन पर कोई भी फैसला लेने से पहले हमें उन देशों के आंकड़ों का अध्ययन करना चाहिए, जहां पहले ही बच्चों का वैक्सीनेशन हो चुका है. डॉ राय ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘मैं पीएम मोदी की ओर से देश की नि:स्वार्थ सेवा और सही समय पर सही फैसलों के लिए उनका बड़ा फैन हूं. लेकिन, बच्चों के टीकाकरण पर उनके अवैज्ञानिक फैसले से पूरी तरह निराश हूं.’
डॉ संजय राय ने कहा है कि वैक्सीनेशन या टीकाकरण के बाद प्रति 10 लाख की आबादी पर 10 से 15 गंभीर साइड इफेक्ट सामने आते हैं. इसलिए यदि आप वयस्कों में जोखिम और फायदे का विश्लेषण करते हैं, तो इसका बहुत फायदा है. उन्होंने कहा कि बच्चों के मामले में संक्रमण बहुत गंभीर नहीं है. प्रति 10 लाख की आबादी पर केवल 2 मौतें हुईं हैं. इस वर्ग (बच्चों) में 15,000 (लोग) नहीं मर रहे हैं.
डॉ संजय राय ने कहा कि बच्चों के टीकाकरण में कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा. अमेरिका सहित कई देशों ने बच्चों का टीकाकरण 4-5 महीने पहले शुरू कर दिया था. हमें अपने बच्चों को टीका लगाने से पहले उन देशों के आंकड़ों का विश्लेषण करना चाहिए, जहां पहले ही टीकाकरण किया जा चुका है.
Posted By: Mithilesh Jha
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