AIIMS Sever Down: लगातार सातवें दिन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली का सर्वर ठप रहा. हालांकि ई-हॉस्पिटल डेटा को बहाल कर दिया गया है, सेवाओं को बहाल करने से पहले नेटवर्क को अभी भी सैनिटाइज़ किया जा रहा है. इसके अलावा, भविष्य में ऐसे किसी भी साइबर हमले को रोकने के लिए उपाय किए जा रहे हैं. आउट पेशेंट, इन-पेशेंट, प्रयोगशालाओं सहित सभी अस्पताल सेवाएं फिलहाल मैनुअल मोड में चलती रहेंगी.
एम्स का एक बयान में लिखा गया है कि ई-अस्पताल डेटा को सर्वर पर बहाल कर दिया गया है. सेवाओं को बहाल करने से पहले नेटवर्क को साफ किया जा रहा है. डेटा की मात्रा और अस्पताल सेवाओं के लिए सर्वर/कंप्यूटर की बड़ी संख्या के कारण प्रक्रिया में कुछ समय लग रहा है. साइबर सुरक्षा के लिए उपाय किए जा रहे हैं. बीते सोमवार यानी 28 नवंबर को एम्स के बयान में कहा गया, “डेटा की बहाली और सर्वर की सफाई का काम चल रहा है और डेटा की मात्रा और अस्पताल सेवाओं के लिए बड़ी संख्या में सर्वर के कारण कुछ समय लग रहा है. साइबर सुरक्षा के लिए उपाय किए जा रहे हैं.”
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी जांच में शामिल हो गई है. इंडिया कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-IN), दिल्ली पुलिस, इंटेलिजेंस ब्यूरो, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और गृह मंत्रालय (MHA) के प्रतिनिधि पहले से ही इस घटना की जांच कर रहे हैं. जांच एजेंसियों की सिफारिशों के बाद एम्स दिल्ली में इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी. इससे पहले एम्स ने मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का एक नया सेट भी जारी किया था, जिसमें कहा गया है कि ई-अस्पताल के डाउन होने तक अस्पताल में मरीजों का प्रवेश, डिस्चार्ज और स्थानांतरण मैन्युअल रूप से किया जाएगा.
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अस्पताल ने कहा है कि नवीनतम एसओपी जिनका ई-अस्पताल के डाउन होने तक मैनुअल मोड में पालन किया जाना है. एम्स, नई दिल्ली में भर्ती, डिस्चार्ज और ट्रांसफर मैन्युअल रूप से किया जाना है. इंडेंट मैन्युअल रूप से किया जाना है. अस्पताल ने आगे कहा कि कार्यसमिति के निर्देशानुसार मृत्यु या जन्म प्रमाण पत्र मैन्युअल रूप से प्रपत्रों पर बनाए जाने हैं. साथ ही केवल जरूरी सैंपल भेजने की बात की जा रही है वह भी भरे हुए फॉर्म के साथ.