अमेरिका से मंगाए गए विशेष हेलीकाप्टर चिनूक को टनलों की सुरक्षा और सर्वे में लगाया जाएगा. सीमा पर चीन की चुनौतियों के बाद अटल टनल की सुरक्षा चुनौती बनी है. चीन सीमा पर तैनात जवानों के लिए सैन्य उपकरणों और रसद और आसानी के पहुंचाने के लिए अन्य टनल के निर्माण को भी तेज करने की योजना है. इसके तहत रोहतांग के अटल टनल से भी साढ़े तीन किलोमीटर अधिक लंबी शिंकुला टनल के लिए हवाई सर्वे का काम वायुसेना के सबसे अत्याधुनिक हेलीकाप्टर चिनूक को सौंपा गया है.
वायुसेना के सूत्रों के मुताबिक इस टनल के बनने से मनाली-कारगिल-लेह सड़क मार्ग में साल भर यातायात खुला रह सकेगा. 16600 फीट ऊंचे शिंकुला दर्रा के नीचे से 12 हजार फीट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे लंबी 13.5 किलोमीटर टनल होगी. अटल टनल रोहतांग समुद्र तल से 10040 फीट की ऊंचाई पर बनी है.
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टनल का निर्माण जल्द शुरू करने के लिए राष्ट्रीय उच्च मार्ग एवं अधोसंरचना विकास प्राधिकरण चिनूक की मदद लेगा. डेनमार्क के तीन इंजीनियर चिनूक के साथ हवाई सर्वे करेंगे. तीन दिन तक चलने वाले इस सर्वे में मैकेनिकल और भूगर्वीय विज्ञानी शिंकुला टनल के साथ लगती जंस्कर रेंज की पहाड़ी में करीब 600 मीटर गहराई तक जांच करेंगे. सर्वे से पहले चिनूक हेलीकाप्टर में करीब 500 किलो बजनी डेनमार्क का एंटीना फिट होगा. इस सर्वे को एयरबोर्न इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सर्वे कहा जाता है. सर्वे में डेनमार्क और गुजरात की एक कंपनी के इंजीनियर शामिल होंगे.
राष्ट्रीय उच्च मार्ग एवं अधोसंरचना विकास प्राधिकरण डीजीएम अनिल ने बताया कि स्तींगरी हेलीपैड में वायु सेना का चिनूक हेलीकाप्टर उतरेगा. हेलीकाप्टर में 500 किलो वजनी एंटीना फिट कर हवाई सर्वे का ट्रायल किया जाना है . हेलीपैड से इस पूरे हवाई सर्वे को कंडक्ट किया जाएगा. सर्वे के बाद जल्द शिंकुला टनल के निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा.
Posted By – Pankaj Kumar pathak