महंगी पड़ी उड़ान में देरी, एयर इंडिया को देना होगा जुर्माना, जानिए पूरा मामला
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कहा है कि एयर इंडिया को सभी चार शिकायतकर्ताओं को कुल मिलाकर 1.75 लाख रुपये देने होंगे. इसके अलावा कोर्ट में केस करने में जो लागत आयी है उसके लिए अलग से 25 हजार रुपये देने होंगे.
उड़ान में देरी एयर इंडिया के लिए महंगी साबित हो गई, और इसके बदले एयर इंडिया को दो लाख रुपये का मुआवजा देना पड़ेगा. हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC, एनसीडीआरसी) ने एयर इंडिया को 2003 की उड़ान में देरी के लिए चार यात्रियों को 2 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया है. उपभोक्ता आयोग ने कहा कि एयरलाइन ने उड़ान में देरी की इसके साथ-साथ अपने कर्तव्य का भी सही तरीके से पालन नहीं किया. आयोग ने कहा कि प्रोटोकॉल के मुताबिक यात्रियों का आतिथ्य, भोजन, रहने का इंतजाम और परिवहन जैसी आवश्यक सेवाएं प्रदान करने में एयर इंडिया विफल रही है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एनसीडीआरसी ने एयर इंडिया के खिलाफ 6 दिसंबर को जारी आदेश में कहा कि एयरलाइन अपने यात्रियों की देखभाल करने के लिए बाध्य है, लेकिन ताजा मामले में जो बात सामने आयी है उसके मुताबिक एयरलाइन की ओर से चूक हुई है. उड़ान में देरी होने के कारण कई यात्री कनेक्टिंग उड़ानें चूक जाते हैं, जिससे उन्हें काफी परेशानी होती है. आयोग ने एयर इंडिया दायित्वों पूरा करने में विफल रहने का दोषी करार देते हुए जुर्माना लगाया है.
कितना देना होगा जुर्माना
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कहा है कि एयर इंडिया को सभी चार शिकायतकर्ताओं को कुल मिलाकर 1.75 लाख रुपये देने होंगे. इसके अलावा कोर्ट में केस करने में जो लागत आयी है उसके लिए अलग से 25 हजार रुपये देने होंगे. यानी एयर इंडिया यात्रियों को कुल मिलाकर दो लाख रुपये बतौर जुर्माना देगी.
क्या है पूरा मामला
दरअसल 13 दिसंबर 2003 को शिकायतकर्ताओं तिरुवनंतपुरम से चेन्नई फिर चेन्नई से कोलकाता और उसके बाद कोलकाता से डिब्रूगढ़ की यात्रा के लिए चार टिकट खरीदी थी. यात्रियों की शिकायत था कि तिरुवनंतपुरम-चेन्नई उड़ान में देरी हुई. इस कारण शिकायतकर्ताओं की कनेक्टिंग फ्लाइट छूट गई. इसके अलावा यात्रियों ने यह भी शिकायत की थी कि जहां एयरलाइन ने ठहरने की व्यवस्था की थी वहां उन्हें खराब भोजन दिया गया. जिसके बाद पीड़ित यात्रियों ने इसकी शिकायत जिला फोरम में की.
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