Pollution in Delhi: दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण के कारण गैस चैंबर बना हुआ है. हालात बद से बदत्तर हो गये हैं. प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई. सीजेआई ने कहा कि आंकड़े क्या कहते हैं ये महत्वपर्ण नहीं है. खास बात है कि अब तक प्रदूषण को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. वहीं, कोर्ट में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए पूछा कि दिल्ली में बैन के बावजूद क्यों पटाखे जले. इसके अलावा प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली में 21 नवंबर तक निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. साथ ही सरकारी विभाग में 100 फीसदी वर्क फ्रॉम होम कर दिया गया है.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दिये जवाब: सुप्रीम कोर्ट के सवाल पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि, वायु की गुणवत्ता में सुधार के लिए दिल्ली के 300 किलोमीटर में 11 थर्मल प्लांटों में से 6 को बंद कर दिया गया है. सिर्फ 5 ही अभी काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कही कि आवश्यकता पड़ेगी को इसके बाहर के भी संयंत्रों को बंद किया जाएगा. सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार हवा का प्रवाह 21 नवंबर के बाद होगा क्या यह अदालत कठोर उपायों को लागू करने से पहले 21 नवंबर तक प्रतीक्षा करने पर विचार नहीं करेगी.
Solicitor General tells Supreme Court that meteorological scientists were also there in the emergency meeting and according to them the wind flow will be there after November 21; says "Would this court not consider waiting till Nov 21 before implementing harsh measures."
— ANI (@ANI) November 17, 2021
उन्होंने कहा, इसके अलावा 10 साल से अधिक पुराने वाहनों को हटाया जाएगा इसके डीजल और पेट्रोल दोनों से चलने वाले वाहन शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मियों के वर्क फ्रॉम होम पर भी विचार किया गया था, लेकिन कोरोना के कारण बीते लंबे समय से वर्क फ्रॉम होम होने के कारण पहले ही काफी नुक्सान हो गया है. ऐसे में फिर से वर्क फ्रॉम होम नहीं दिया जा सकता. इसके जवाब में कोर्ट ने पूछा कि आपको कार्यालय में सभी सौ अधिकारियों की आवश्यकता नहीं है, आप इसके बजाय 50 अधिकारियों को बुला सकते हैं. तो क्या वो सार्वजनिक परिवहन में यात्रा नहीं कर सकते हैं?.
SC asks SG about how many vehicles are there and how are Central government officials traveling; says "You don't need all 100 officers in the office, you can instead call 50 officers. There are several government localities, can't they travel in public transport?
— ANI (@ANI) November 17, 2021
इधर, पंजाब सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. हलफनामें में पंजाब सरकार ने कहा है कि पराली जलाने पर नियंत्रण के लिए पूरी कोशिश की जा रही है. सरकार ने कहा है कि पराली जलाने पर किसानों से 15 हजार रुपये तक बतौर जुर्माना वसूला जाएगा.
Posted by: Pritish Sahay